अजब-गजब: अपना बेटा समझकर घरवालों ने किया युवक का अंतिम संस्कार, जब उसे वीडियो कॉल में देखा…तो उड़ गए होश

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family members performed the last rites of another considering them as their own son in khatima

नवीन चंद्र
– फोटो : अमर उजाला

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खटीमा के श्रीपुर बिचवा गांव में करीब एक सप्ताह पहले जिस युवक को मरा समझकर परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया था, वह एक सप्ताह बाद शनिवार को रुद्रपुर में अचानक जिंदा मिला। इसकी सूचना मिलने पर परिजन दौड़े-दौड़े रुद्रपुर पहुंचे और देर शाम परिजन उसे लेकर घर लौटे आए। युवक रुद्रपुर में किसी होटल में काम कर रहा था। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रही। 

जानकारी के मुताबिक, श्रीपुर बिचवा निवासी 42 वर्षीय नवीन चंद्र पुत्र धर्मानंद भट्ट डेढ़ साल से लापता था। शराब की आदत के कारण उसकी पत्नी, बेटा और बेटी उससे अलग लखनऊ में रहते हैं। पिछले दिनों रुद्रपुर से सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृतक की जेब से नवीन का फोटो के साथ ही हेल्थ चेकअप का फार्म मिला था। इसके साथ ही मृतक का चेहरा भी नवीन का जैसा प्रतीत हो रहा था। जिस कारण से परिजनों ने उसकी शिनाख्त की।

इसके बाद उक्त युवक के शव को घर लाकर 26 नवंबर को बनबसा घाट (चंपावत) पर अंतिम संस्कार कर दिया। घर में गम का माहौल था, तभी सिडकुल में एक दुकान चलाने वाले नवीन के बड़े भाई कैशव भट्ट उर्फ केडी को उसके परिचित ने रुद्रपुर से फोन कर दुकान बंद रखने की वजह पूछी तो, केडी ने बताया कि उसके भाई नवीन का निधन होने के कारण दुकान बंद है।

तब उसने बताया कि उसने नवीन को रुद्रपुर में देखा है। परिजनों ने मजाक समझकर उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया। उसके बाद उस युवक ने नवीन के परिजनों की नवीन के साथ वीडियो कॉल कर बात करवा दी। नवीन को जिंदा देख परिजन चौंक पड़े। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और उसे लेने रुद्रपुर रवाना हो गए। देर शाम परिजन उसे लेकर वापस लौटे। फिलहाल यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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