अतीक-अशरफ हत्याकांड : अतीक की बर्बादी में बुंदेलखंड की धरती का गजब इत्तेफाक, दो आरोपी बुंदेलखंड के

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Atiq-Ashraf murder case: Strange coincidence of Bundelkhand's land in Atiq's destruction, two accused from Bun

Prayagraj News : अतीक और अशरफ की हत्या के बाद मौके पर छानबीन करती फॉरेंसिक टीम।
– फोटो : अमर उजाला।

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बुंदेलखंड की धरती ने माफिया अतीक अहमद की बर्बादी में बड़ी भूमिका निभाई। उस पर और उसके भाई अशरफ पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने वाले तीन हमलावरों में से दो बुंदेलखंड इलाके के हैं। गजब का इत्तफाक है कि दो दिन पहले उसका बेटा असद और शूटर गुलाम बुंदेलखंड के ही झांसी में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए।

पुलिस अभिरक्षा में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए काल्विन अस्पताल ले जाए जा रहे माफिया भाई अतीक और अशरफ पर तीन युवकों ने अचानक गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी। जिन हमलावर युवकों ने गोलीबारी की, पुलिस ने उनको दबोच लिया। जब उनके बारे में जानकारी जुटाई जाने लगी तो पता चला कि दो हमलावर बुंदेलखंड क्षेत्र के रहने वाले हैं। इनमें लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर का निवासी है।

तीसरा आरोपी सनी कासगंज जनपद से है। इत्तफाक की बात है कि बीती 13 अप्रैल को उसके फरार बेटे असद और खास गुर्गे गुलाम की मुठभेड़ भी बुंदेलखंड के झांसी जिले में हुई। इस दौरान पुलिस ने दोनों को मौत के घाट उतार दिया। ये दोनों उमेश पाल हत्याकांड के बाद से पुलिस को लगातार चकमा देते हुए अनेक शहरों को ठिकाना बनाते रहे, लेकिन झांसी की धरती इन दोनों के लिए जानलेवा साबित हुई।

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