अरुणाचल चॉपर क्रैश : ‘मौसम साफ था, पायलट भी थे प्रशिक्षित’, सेना ने दिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश

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सेना ने बताया कि क्रैश से पहले हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) कक्ष को तकनीकी खराबी के बारे में आपात संदेश भेजा गया था. साथ ही बताया कि मौसम साफ था और पायलट भी प्रशिक्षित थे. सेना ने अपने बयान में कहा, खड़ी ढाल वाली पहाड़ियों और घने जंगल की वजह से यह इलाका “बेहद चुनौतीपूर्ण” है.

बयान में कहा गया है, ‘पायलटों के पास ALH-WSI उड़ाने का संयुक्त रूप से 600 से अधिक घंटे का अनुभव था. साथ ही वे कुल 1,800 से अधिक घंटे उड़ान सेवाएं दे चुके थे. विमान को जून 2015 में सेना में शामिल किया गया था.’

हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन किया गया है.

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भारतीय सेना का एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड) – ALH WSI शुक्रवार सुबह मिगिंग गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. शुक्रवार को चार शव बरामद हो गए थे, और सेना ने कहा था कि वह पांचवें शव को बरामद करने की कोशिश कर रही है.

जहां हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है, वहां जाने के लिए कोई सड़क नहीं है. लेकिन वहां पर हवाई रास्ते से रेस्क्यू टीम को भेजा गया. 

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हेलीकॉप्टर ने शुक्रवार सुबह लिकाबली से उड़ान भरी थी. हेलीकॉप्टर में सैन्यकर्मी सवार थे. विमान नियमित उड़ान पर था, तभी सुबह 10.43 बजे हादसे का शिकार हो गया. 

ALH (WSI), जिसे रुद्र मार्क IV के नाम से भी जाना जाता है, एक शक्तिशाली अटैक हेलीकॉप्टर है. इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बनाया है. भारतीय सेना की एविएशन विंग ने पूर्वी लद्दाख में चीन से लगती सीमा के चलते इस हेलीकॉप्टर के WSI वैरिएंट को तैनात किया हुआ है. 

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