वाराणसी में 31 साल पहले चर्चित अवधेश राय हत्याकांड एक बार फिर से चर्चा में है। बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को गाजीपुर की एमपी-एमलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के 26 साल पुराने मामले में 10 साल की सजा से दंडित किया है। इसके साथ ही दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
इसे लेकर अवधेश राय के भाई व कांग्रेस नेता अजय राय ने गुरुवार को वाराणसी में न्यायपालिका का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज गाजीपुर न्यायालय ने मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई। मेरे बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड के बाद गैंगस्टेर एक्ट का मुकदमा लगाया गया और अब उसे 10 साल सजा सुनाई गई है। साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा है।
निश्चित तौर पर यह मामला काफी पुराना है। हम लोग काफी दिन से आस लगाए थे कि जल्द से जल्द फैसला आएगा। 26 साल मुकदमा चला। आज न्यायपालिका ने सजा सुनाई है। इसके लिए मैं न्यायपालिका को हृदय से धन्यवाद देता हूं।
गैंगस्टर एक्ट का यह मामला 1991 में वाराणसी में अवधेश राय हत्याकांड के बाद मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह पर गाजीपुर की सदर कोतवाली में 1996 में दर्ज हुआ था। तब मुख्तार अंसारी पर 1991 में अवधेश राय हत्याकांड, गाजीपुर कोतवाली क्षेत्र में तत्कालीन एडिशनल एसपी पर गोली चलाने के अलावा कुछ अन्य मामलों को लेकर कुल पांच चार्ज लगे थे।
इन पांच में दो वाराणसी, दो गाजीपुर और एक चंदौली में हुए केस थे। 1996 में ये केस दर्ज हुए थे। 26 साल के बाद गुरुवार को कोर्ट ने मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को दोषी करार देते हुए 10 साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है।
तीन अगस्त 1991 को अवधेश राय लहुराबीर स्थित अपने घर के दरवाजे पर थे, उसी समय अंधाधुंध फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी। पूरा शरीर गोलियों से छलनी कर दिया गया था। छोटे भाई, पूर्व विधायक अजय राय ने चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश न्यायिक समेत अन्य के खिलाफ हत्या समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। 31 साल पुराना यह मामला अदालत में अभी विचाराधीन है।
इसी मामले में मुख्तार और उसके सहयोगी भीम सिंह अन्य पर शिकंजा कसते हुए गाजीपुर की सदर कोतवाली में 1996 में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। मुख्तार अंसारी पर अवधेश राय हत्याकांड, गाजीपुर कोतवाली क्षेत्र में तत्कालीन एडिशनल एसपी पर फायरिंग के अलावा कुछ अन्य मामलों को लेकर पांच मुकदमे दर्ज थे। इन पांच में दो वाराणसी, दो गाजीपुर और एक चंदौली में मुकदमे दर्ज थे। 26 साल के बाद कोर्ट ने मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की कैद की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है।
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वाराणसी में 31 साल पहले चर्चित अवधेश राय हत्याकांड एक बार फिर से चर्चा में है। बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को गाजीपुर की एमपी-एमलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के 26 साल पुराने मामले में 10 साल की सजा से दंडित किया है। इसके साथ ही दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
इसे लेकर अवधेश राय के भाई व कांग्रेस नेता अजय राय ने गुरुवार को वाराणसी में न्यायपालिका का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज गाजीपुर न्यायालय ने मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई। मेरे बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड के बाद गैंगस्टेर एक्ट का मुकदमा लगाया गया और अब उसे 10 साल सजा सुनाई गई है। साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा है।
निश्चित तौर पर यह मामला काफी पुराना है। हम लोग काफी दिन से आस लगाए थे कि जल्द से जल्द फैसला आएगा। 26 साल मुकदमा चला। आज न्यायपालिका ने सजा सुनाई है। इसके लिए मैं न्यायपालिका को हृदय से धन्यवाद देता हूं।