आईआईटी मंडी का शोध: अब सर्जरी के बाद संक्रमण, सूजन की समस्या होगी बेदह कम

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IIT Mandi's research: Now after surgery, the problem of infection and swelling will be much less.

आईआईटी मंडी।
– फोटो : संवाद



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अब सर्जरी के बाद संक्रमण, सूजन होने और ऐसी स्थिति में दोबारा अस्पताल में जाने की आशंका 95.5 प्रतिशत कम रह जाएगी। इसके लिए आईआईटी मंडी ने नवीन एंटी बैक्टीरियल कोटिंग तैयार की है। यह चिकित्सीय प्रत्यारोपण के बाद सुरक्षा को नया आयाम देगी। प्रत्यारोपण या सर्जरी के दौरान संक्रमण का जोखिम रहता है। अब इस समस्या को हल करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के शोधकर्ताओं ने अभिनव शोध किया है।

इसको आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमित जयसवाल के नेतृत्व में किया गया। इसमें इम्प्लांट कोटिंग के रूप में नवीन चीनी-लेपित नैनोशीट का उपयोग करके इम्प्लांट से जुड़े संक्रमणों को रोकने के लिए एक सरल समाधान खोजा गया है। सर्जरी के बाद संक्रमण, सूजन के कारण बनते हैं, उनको परखने के बाद शोध टीम ने क्वाटरनेरी पुलुलन फंक्शनलाइज्ड एमओएस2 (एमसीपी) ग्लाइकोशीट्स का उपयोग करते हुए इम्प्लांट के लिए एक जैव-संगत, गैर-लीचिंग और संपर्क-आधारित जीवाणुरोधी कोटिंग तैयार की है।

इन एमसीपी ग्लाइकोशीट्स को एक सीधी इलेक्ट्रोस्टेटिक इंटरेक्शन प्रक्रिया से पॉलीडोपामाइन-संशोधित स्टेनलेस स्टील और पॉलीविनाइल फ्लोराइड सब्सट्रेट्स की सतहों पर निर्बाध रूप से लागू किया गया है। इस नवीन विकसित एमसीपी कोटिंग ने उत्कृष्ट जीवाणुरोधी प्रभावकारिता प्रदर्शित की है इसके माध्यम से 99.5 प्रतिशत से अधिक एस्केरिशिया कोलाइ और स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया को प्रभावी ढंग से नष्ट कर दिया गया। इस शोध के नतीजों को जर्नल ऑफ मैटेरियल्स केमिस्ट्री बी में प्रकाशित किया गया है।

सर्जरी की सतह से 30 दिनों तक स्थिर रहने की क्षमता

आईआईटी मंडी के बायो साइंसेज और बायो इंजीनियरिंग स्कूल के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित जैसवाल ने बताया विकसित कोटिंग अद्वितीय संयोजन है। इसमें क्वटरनाइज्ड पुल्लुलन और एमओ एस2 नैनोशीट्स का मिश्रण रहता है, जोकि संक्रमणों के खिलाफ मजबूत सुरक्षा देता है। जबकि सरल और स्थिर कोटिंग प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि इम्प्लांट सतहों से कोई लीकेज न हो। यह समाधान चूहों के मॉडल में इन विट्रो और विवो में मानव कोशिकाओं के लिए पूरी तरह से सुरक्षित साबित हुआ है।

 

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