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घटना के बाद बिलखती बच्चे की मां
– फोटो : अमर उजाला
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राजधानी दिल्ली में आधी रात को रोहतक रोड पर ब्लॉक टाइल लगाने का काम चल रहा था। राजकुमारी सड़क किनारे रखी हुई टाइल उठाने के लिए गई। अचानक एक तेज आवाज आई। उसने देखा कि एक बेकाबू डंपर तेज गति से आया और वह राजकुमारी के आंखों के सामने ही उसके पति और बेटे व बाकी मजदूरों पर पलट गया। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। राजकुमारी भागकर डंपर के पास पहुंची। वह पति और बेटे को डंपर के नीचे से निकालने के लिए गिड़गिड़ाने लगी। लेकिन कोई चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था।
मामले की सूचना पुलिस को दी गई। करीब 40 मिनट बाद पुलिस, दमकल विभाग के अलावा बाकी बचाव दल पहुंचा। एक घंटे के बाद राजकुमारी के सामने ही उसके पति व बच्चे अनुज की कुचली हुई लाश निकली तो वह होश खो बैठी। शनिवार को रोते हुए राजकुमारी की मासूम बेटी आकंक्षा पुलिस अधिकारियों से बस यही कहे जा रही थी कि ‘अंकल प्लीज मेरे पापा और भाई को बुला दो’।
राजकुमारी के जेठ अरविंद ने बताया कि उनका परिवार मऊरानी, पटवा, झांसी उत्तर-प्रदेश का रहने वाला है। गांव में बुजुर्ग पिता प्रभु दयाल हैं। वह खुद नजफगढ़ में मजदूरी करता है। छोटा भाई हरिओम उर्फ किल्लू पत्नी राजकुमारी और दोनों बच्चों अनुज और आकंक्षा के साथ आनंद पर्वत में टाइल लगाने का काम कर रहा था। परिवार पास के एक पार्क में टेंट लगाकर रह रहा था। रोते हुए अरविंद ने बताया कि हादसे में उसके भाई व भतीजे की मौत हो गई है।
हादसे का शिकार हुए दंपती रमेश और सोनम का परिवार गांव शाहपुर, टीकमगढ़ मध्य प्रदेश में रहता है। इनके तीन बच्चे नंद लाल (10) प्राची (8) और आरती (6) है। बच्चों की देखभाल के लिए दंपती ने अपने तीनों बच्चों को दिल पर पत्थर रखकर गांव में दादा-दादी के पास छोड़ा हुआ था। रमेश के गांव में उसके पिता राम स्वरूप अहिरवार, मां मुनिया बाई व एक भाई लाला राम है।
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