आगरा में जिंदा जलीं दो महिलाएं: सगाई का खाना बनाते समय लगी आग, बेहोश हुआ दूल्हे का पिता, रुला देंगी ये तस्वीरें

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आगरा के सिकंदरा स्थित सुंदरवन काॅलोनी में रविवार सुबह लगन-सगाई के कार्यक्रम के लिए खाना बनाते समय हादसा हो गया। रेगुलेटर लगाते समय सिलिंडर की पिन टूटने से आग लग गई। लपटों में हलवाई सहित छह लोग घिर गए। दो महिलाएं जिंदा जल गईं, जबकि हलवाई बुरी तरह से झुलस गया। महिला सहित तीन ने भागकर खुद को बचाया। मोहल्ले के लोगों ने बाल्टियों से पानी डालकर आग पर काबू पाया।

मकान से लपटें उठ रहीं थीं। सिलिंडर के फटने की आशंका थी। इससे हर कोई दहशत में आ गया। वीनेश उर्फ चुनिया ने साहस दिखाया। सूझबूझ से अंदर जाकर जलते सिलिंडर पर खाली बाल्टी रख दी। आग के काबू में आते ही सिलिंडर पानी से भरे ड्रम में डाल दिया। कालोनी के लोगों ने भी बाल्टियों से पानी डालकर आग को पूरी तरह से बुझा लिया। वीनेश के प्रयास को हर किसी ने सलाम किया। यही कहा कि अगर, वो हिम्मत नहीं दिखाता तो और भी लोगों की जान जा सकती थी।



सुंदरवन काॅलोनी के रहने वाले 19 वर्षीय वीनेश जूता कारीगर हैं। वह एक फैक्टरी में काम करते हैं। उसके भाई मनीष ने बताया कि रविवार होने की वजह से काॅलोनी के ज्यादातर लोग छुट्टी होने की वजह से घरों के बाहर बैठे हुए थे। वीनेश भी कुएं के पास बैठा हुआ था। उसने दीपक के घर से धुआं निकलता देखा। वह दौड़ पड़ा। वहां चीखपुकार मची हुई थी। आठ फुट तक लपटें उठ रही थीं। दरवाजे के बाहर तक भी आ रही थीं। दो महिलाएं अंदर फंसीं थीं।


वह जिस फैक्टरी में काम करता है, वहां कर्मचारियों को आग से बचाव के लिए कई बार ट्रेनिंग दी गई थी। इसके अलावा वीनेश अक्सर मोबाइल पर भी वीडियो देखता रहता है। इससे उसे पता था कि जलते हुए सिलिंडर पर तेजी से बाल्टी रखने से आग बुझ जाती है। उसने ऐसा ही किया। वह खाली बाल्टी लेकर आया। आग वाले घर के अंदर गया। सिलिंडर पर खाली बाल्टी तेजी से रख दी। इससे आग काबू में हो गई। उसने बिना देरी किए हुए सिलिंडर को पानी से भरे ड्रम में डाल दिया। उसकी आग बुझ गई। उधर, कुछ सामान जल रहा था। उसे काॅलोनी के लोगों ने बाल्टियों से पानी डालकर बुझा लिया। आग से वीनेश झुलस गया। उसे प्राथमिक उपचार के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी भेजा गया।


पांच साल पहले भी बुझाई थी आग

वीनेश की बुआ सोन देवी ने बताया कि पांच साल पहले उनके घर में भी सिलिंडर में लीकेज से हादसा हुआ था। तब भी वीनेश ने आग को कुछ ही देर में काबू कर लिया था। बाद में अन्य लोग सिलिंडर को बाहर निकाल लाए थे। 


सिलिंडर फट जाता तो हो सकता था बड़ा हादसा 

काॅलोनी के लोगों का कहना था कि खाना बनाने के लिए तीन सिलिंडर लाए गए थे। एक ने आग पकड़ ली। दूसरे भी रखे हुए थे। इन सिलिंडर में आग लग जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था। सिलिंडर फट भी सकते थे। गनीमत रही कि वीनेश ने समय रहते आग पर काबू कर लिया।वीनेश के पिता बाबूलाल भी फैक्टरी में काम करते हैं। उसका भाई भी मजदूरी करता है। परिवार का गुजर बसर मजदूरी करके ही चलता है।


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