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आयकर विभाग
– फोटो : सोशल मीडिया
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गोरखपुर शहर के उद्यमी की व्हाट्सएप चैट ने लखनऊ के रीयल इस्टेट कारोबारी और एक जनप्रतिनिधि को मुसीबत में डाल दिया है। दोनों अब आयकर विभाग के रडार पर हैं। मामला 20 करोड़ रुपये के लेनदेन का है। बताया जा रहा है कि ये रुपये काली कमाई के हैं, जिन्हें अपार्टमेंट बनाने में खपाया गया है।
इस मामले में 14 जुलाई को लखनऊ में एक बड़े बिल्डर से पूछताछ हो चुकी है। जल्द ही सत्ताधारी दल के एक जनप्रतिनिधि से भी पूछताछ हो सकती है। शासन के निर्देश पर राज्य की एक जांच एजेंसी ने गोरखपुर मंडल के संबंधित उद्यमी का रिकाॅर्ड भी खंगाला है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बीते अप्रैल में गोरखपुर में छापे के दौरान आयकर विभाग की टीम ने कई जगह छानबीन की थी। उसी दौरान शहर के एक बड़े उद्यमी, लखनऊ के एक बड़े बिल्डर और सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधि के बीच 20 करोड़ रुपये लेन-देन का एक व्हाट्सएप चैट पकड़ में आया था। इसके बाद टीम ने नामी उद्यमी, बिल्डर समेत कई हस्तियों का रिकॉर्ड भी खंगाला था। चार दिन तक लिखापढ़ी चली।
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सूत्र बताते हैं कि यह धनराशि लखनऊ की फर्मों की तरफ से गोरखपुर के उद्यमियों को भेजी गई थी। इसी लेन-देन को व्हाट्सएप चैट पर मैसेज के जरिए पुष्ट किया गया था। लेकिन लापरवाही के चलते उद्यमी ने इस चैट के रिकॉर्ड को मोबाइल फोन से नहीं हटाया। यही लापरवाही अब उनके और उनसे जुड़े पूरे नेटवर्क के लिए गले की फांस बन गई है। विभाग के हाथ अहम सुराग लगे हैं, जिसके आधार पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। संवाद
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