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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश की पहली पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना की आधारशिला बीते 24 मार्च को रखा। 28 मार्च को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रोपवे से संबंधित वीडियो को ट्वीट किया। बुधवार को पीएम मोदी ने गडकरी के ट्वीट को शेयर किया। इसमें उन्होंने लिखा- आस्था और टेक्नोलॉजी का अद्भुत संगम! वाराणसी में तैयार हो रहे इस रोपवे से श्रद्धालुओं के लिए यात्रा का अनुभव बहुत रोचक और यादगार तो होगा ही, इससे बाबा विश्वनाथ के दर्शन में भी उन्हें बहुत सुविधा होगी। इससे पहले मंगलवार को नितिन गडकरी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, वाराणसी में 644 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे 3.85 किमी लंबे पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे की एक झलक। आधुनिक तकनीकी से बने इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास से देश को आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए हम कटिबद्ध हैं। पीएम मोदी के हाथों शिलान्यास हुई देश की पहली अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना बाबा विश्वनाथ को समर्पित होगी। रोपवे की ट्रॉलियों पर श्री काशी विश्वनाथ धाम का मॉडल उकेरा जाएगा। रोपवे प्रोजेक्ट दो वर्ष में पूरा हो जाए
वाराणसी में बन रहे देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे के कैंट स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं होंगी। रेस्टोरेंट, शोरूम, स्वचालित सीढ़िया, लिफ्ट व लाउंज की व्यवस्था रहेगी। वेंडिंग मशीन भी लगाई जाएंगी। रोपवे के जरिये कैंट स्टेशन से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा।
इसका निर्माण स्विट्जरलैंड आधारित कंपनी बर्थोलेट, विश्व समुद्र और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) करेगी।
रोपवे की ट्रॉलियों का संचालन 150 फीट की ऊंचाई से किया जाएगा। इस लिहाज से कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर बनने वाले स्टेशन की ऊंचाई 150 फीट तक होगी। इतनी ऊंचाई पर 153 पैसेंजर ट्रॉली कार पूरे रूट पर एक साथ चलेंगी। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल पर यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध रहेगी।
एक दिशा से एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे। इसका मतलब है कि दोनों दिशाओं से एक घंटे 6000 यात्रियों का आवागमन होगा। एक लाख से ज्यादा यात्री रोजाना सफर करेंगे। रोपवे के लिए भूमि अधिग्रहण, तार व पाइप शिफ्टिंग का काम तेजी से चल रहा है।
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