उत्तराखंड: ईको टास्क फोर्स की कंपनियों का कार्यकाल बढ़ाने पर मंथन, रक्षा मंत्रालय ही उठाए खर्च, चाहती है सरकार

[ad_1]

सीएम पुष्कर सिंह धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी
– फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो

ख़बर सुनें

राज्य में पर्यवारण संरक्षण के उद्देश्य से गठित ईको टास्क फोर्स की चार कंपनियों का कार्यकाल सरकार 31 मार्च 2028 तक बढ़ाना चाहती है। चारों कंपनियों का कार्यकाल 31 मार्च 2023 को समाप्त हो जाएगी। इस प्रस्ताव पर बुधवार को चर्चा होगी।

वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में प्रस्तावित बैठक में इस पर भी चर्चा होगी कि कंपनियों का खर्च राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार वहन करे। बता दें कि वन मंत्री उनियाल सितंबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इस संबंध में पहले भी अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के इस अनुरोध पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।

एक बार फिर सरकार इस मसले को मंत्रालय के समक्ष उठाने की तैयारी कर रही है। इस संबध में प्रमुख सचिव (वन) आरके सुधांशु की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक हो चुकी है और अब वन मंत्री की मौजूदगी में चर्चा होगी।

सरकार पर है 135 करोड़ बकाया
ईको टास्क फोर्स की चार कंपनियों का खर्च का भुगतान केंद्र सरकार कर चुकी है। इनमें दो कंपनियों के खर्च राज्य सरकार को वहन करना है। यह करीब 135 करोड़ है। 

ये भी पढ़ें…उत्तराखंड: चीन सीमा पर अलर्ट, बाड़ाहोती को फिर निशाना बना सकता है ड्रैगन, पहले भी 63 बार कर चुका घुसपैठ

दो कंपनियां गढ़वाल और दो कुमाऊं में तैनात
ईको टास्क फोर्स की दो कंपनियां गढ़वाल मंडल में और दो कुमाऊं मंडल में वर्ष 2008 से काम कर रही हैं। राज्य गठन से पहले 1994 में भी राज्य में ईको टास्क फोर्स की दो-दो बटालियन काम कर रहीं थीं। राज्य गठन के बाद इन्फेंट्री बटालियन की चार कंपनियां तैनात की गईं। इन कंपनियों ने वन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से वनीकरण, पौधारोपण के काम किए।

विस्तार

राज्य में पर्यवारण संरक्षण के उद्देश्य से गठित ईको टास्क फोर्स की चार कंपनियों का कार्यकाल सरकार 31 मार्च 2028 तक बढ़ाना चाहती है। चारों कंपनियों का कार्यकाल 31 मार्च 2023 को समाप्त हो जाएगी। इस प्रस्ताव पर बुधवार को चर्चा होगी।

वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में प्रस्तावित बैठक में इस पर भी चर्चा होगी कि कंपनियों का खर्च राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार वहन करे। बता दें कि वन मंत्री उनियाल सितंबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इस संबंध में पहले भी अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के इस अनुरोध पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।

एक बार फिर सरकार इस मसले को मंत्रालय के समक्ष उठाने की तैयारी कर रही है। इस संबध में प्रमुख सचिव (वन) आरके सुधांशु की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक हो चुकी है और अब वन मंत्री की मौजूदगी में चर्चा होगी।

सरकार पर है 135 करोड़ बकाया

ईको टास्क फोर्स की चार कंपनियों का खर्च का भुगतान केंद्र सरकार कर चुकी है। इनमें दो कंपनियों के खर्च राज्य सरकार को वहन करना है। यह करीब 135 करोड़ है। 

ये भी पढ़ें…उत्तराखंड: चीन सीमा पर अलर्ट, बाड़ाहोती को फिर निशाना बना सकता है ड्रैगन, पहले भी 63 बार कर चुका घुसपैठ

दो कंपनियां गढ़वाल और दो कुमाऊं में तैनात

ईको टास्क फोर्स की दो कंपनियां गढ़वाल मंडल में और दो कुमाऊं मंडल में वर्ष 2008 से काम कर रही हैं। राज्य गठन से पहले 1994 में भी राज्य में ईको टास्क फोर्स की दो-दो बटालियन काम कर रहीं थीं। राज्य गठन के बाद इन्फेंट्री बटालियन की चार कंपनियां तैनात की गईं। इन कंपनियों ने वन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से वनीकरण, पौधारोपण के काम किए।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *