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कोर्ट(प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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नैनीताल हाईकोर्ट ने ऋषिकेश एम्स में विभिन्न पदों पर भर्ती में हुई अनियमितताओं के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार सहित अन्य को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई।
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ऋषिकेश निवासी आशुतोष शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली एम्स की तर्ज पर ऋषिकेश में एम्स की स्थापना की गई है। संस्थान में पदों को भरने के लिए स्पष्ट आरक्षण दिया गया। लेकिन निदेशक प्रो. रविकांत के कार्यकाल में अन्य पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति जनजाति की सीटों की भर्ती में 32 डॉक्टरों की नियुक्ति बिना प्रक्रिया पालन किए हुई। इसमें अपने परिजनों व करीबी लोगों को नियुक्ति दी गई।
याची का कहना है कि निदेशक प्रो. रविकांत की पत्नी डॉ. बीना रवि को नियमों के खिलाफ सर्जरी विभाग में बतौर संविदा प्रोफेसर नियुक्त कर दिय गया। प्रो. रविकांत के बहनोई को भी विजिटिंग फैकल्टी के तौर पर नियुक्त कर दिया गया। जनहित याचिका में कहा कि निदेशक के करीबी दोस्त एसपी अग्रवाल को भी बिना किसी साक्षात्कार व प्रक्रिया के सर्जिकल ओंकोलॉजी विभाग में तैनात कर दिया गया। जब इसकी शिकायत केंद्र सरकार व सीईसी से की गई तो उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिकाकर्ता की ओर से इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।
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