उत्तराखंड: एकल शिक्षक की व्यवस्था होगी समाप्त, अब हर स्कूल में कम से कम दो शिक्षकों की होगी तैनाती

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सांकेतिक तस्वीर

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– फोटो : अमर उजाला

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उत्तराखंड के हर सरकारी स्कूल में अब कम से कम दो शिक्षकों की तैनाती होगी। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इसके निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि अब एकल शिक्षक की व्यवस्था समाप्त होगी। 

राजीव नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा स्थित आईसीटी केंद्र में विभाग की समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा के तहत राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में एकल शिक्षक व्यवस्था को समाप्त करते हुए कम से कम दो शिक्षकों की तैनाती की जाएगी ताकि एक शिक्षक के अवकाश पर रहने के दौरान स्कूल चलता रहे। 

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मंत्री ने कहा कि कई स्कूल ऐसे हैं, जहां मानक से अधिक शिक्षक हैं। जिन स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षक हैं उन्हें ब्लॉक स्तर पर ही एकल अध्यापक वाले स्कूलों में तैनात किया जाएगा, जबकि माध्यमिक शिक्षा के तहत 10वीं एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं की बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए छात्रों को विशेष तैयारी कराई जाएगी। इसके लिए बोर्ड परीक्षा वाले छात्र-छात्राओं की हर 15 दिन में आंतरिक परीक्षा कराई जाएगी ताकि उनकी बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहत्तर हो सके। 

बैठक में निर्णय लिया गया कि राजकीय विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी स्कूलों का सर्वे कराकर उन्हें उपलब्ध भवन एवं संसाधनों के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा जाएगा, ताकि आगामी वित्तीय वर्ष के लिए स्कूलों का पुनर्निर्माण एवं मरम्मत के साथ ही फर्नीचर, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, पेयजल, शौचालय आदि व्यवस्थाओं के लिए डीपीआर तैयार कराकर शासन से बजट की मांग की जा सके। 

बैठक में शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेंद्र यादव, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरके कुंवर, अपर निदेशक आरके उनियाल, संयुक्त निदेशक एसबी जोशी आदि मौजूद रहे। 

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उत्तराखंड के हर सरकारी स्कूल में अब कम से कम दो शिक्षकों की तैनाती होगी। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इसके निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि अब एकल शिक्षक की व्यवस्था समाप्त होगी। 

राजीव नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा स्थित आईसीटी केंद्र में विभाग की समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा के तहत राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में एकल शिक्षक व्यवस्था को समाप्त करते हुए कम से कम दो शिक्षकों की तैनाती की जाएगी ताकि एक शिक्षक के अवकाश पर रहने के दौरान स्कूल चलता रहे। 

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मंत्री ने कहा कि कई स्कूल ऐसे हैं, जहां मानक से अधिक शिक्षक हैं। जिन स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षक हैं उन्हें ब्लॉक स्तर पर ही एकल अध्यापक वाले स्कूलों में तैनात किया जाएगा, जबकि माध्यमिक शिक्षा के तहत 10वीं एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं की बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए छात्रों को विशेष तैयारी कराई जाएगी। इसके लिए बोर्ड परीक्षा वाले छात्र-छात्राओं की हर 15 दिन में आंतरिक परीक्षा कराई जाएगी ताकि उनकी बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहत्तर हो सके। 

बैठक में निर्णय लिया गया कि राजकीय विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी स्कूलों का सर्वे कराकर उन्हें उपलब्ध भवन एवं संसाधनों के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा जाएगा, ताकि आगामी वित्तीय वर्ष के लिए स्कूलों का पुनर्निर्माण एवं मरम्मत के साथ ही फर्नीचर, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, पेयजल, शौचालय आदि व्यवस्थाओं के लिए डीपीआर तैयार कराकर शासन से बजट की मांग की जा सके। 

बैठक में शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेंद्र यादव, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरके कुंवर, अपर निदेशक आरके उनियाल, संयुक्त निदेशक एसबी जोशी आदि मौजूद रहे। 



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