उत्तराखंड: मजबूत होगा आपदा से निपटने का तंत्र, 174 नए वेदर स्टेशन से मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी

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मौसम (सांकेतिक तस्वीर)

मौसम (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया

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उत्तराखंड में आपदा से निपटने के तंत्र को मजबूत बनाने का खाका तैयार हो गया है। वर्ल्ड बैंक की 1400 करोड़ रुपये की परियोजना के जरिए आपदा प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश में 174 नए वेदर स्टेशन लगेंगे। अभी इनकी संख्या 176 है। इससे मौसम संबंधी सटीक जानकारी समय पर मिल सकेगी।

ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (यूजीआआरडी) योजना के तहत राज्य में प्रस्तावित आठ नए कॉम्पेक्ट रडार लगाने की दिशा में काम आगे बढ़ेगा। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बदलते पर्यावरणीय प्रभावों के आकलन के लिए संभावित हिमस्खलन वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां वर्निंग सिस्टम लगाए जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश के हर जिले के आपदा कंट्रोल रूम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। 

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नए फायर स्टेशन स्थापित करने के साथ फॉरेस्ट फायर कंट्रोल रूम के लिए अग्निशमन विभाग और वन विभाग को नए उपकरण मुहैया कराए जाएंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों का उच्चीकरण भी होगा। जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम, एसडीआरएफ के लिए प्रशिक्षण सुविधा के उच्चीकरण के साथ आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।

परियोजना के तहत प्रदेश में आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए कई काम किए जाएंगे। योजना के तहत शीघ्र ही 600 करोड़ रुपये के कार्यों के टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।
– डॉ. रंजीत सिन्हा, आपदा प्रबंधन सचिव।

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उत्तराखंड में आपदा से निपटने के तंत्र को मजबूत बनाने का खाका तैयार हो गया है। वर्ल्ड बैंक की 1400 करोड़ रुपये की परियोजना के जरिए आपदा प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश में 174 नए वेदर स्टेशन लगेंगे। अभी इनकी संख्या 176 है। इससे मौसम संबंधी सटीक जानकारी समय पर मिल सकेगी।

ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (यूजीआआरडी) योजना के तहत राज्य में प्रस्तावित आठ नए कॉम्पेक्ट रडार लगाने की दिशा में काम आगे बढ़ेगा। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बदलते पर्यावरणीय प्रभावों के आकलन के लिए संभावित हिमस्खलन वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां वर्निंग सिस्टम लगाए जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश के हर जिले के आपदा कंट्रोल रूम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। 

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नए फायर स्टेशन स्थापित करने के साथ फॉरेस्ट फायर कंट्रोल रूम के लिए अग्निशमन विभाग और वन विभाग को नए उपकरण मुहैया कराए जाएंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों का उच्चीकरण भी होगा। जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम, एसडीआरएफ के लिए प्रशिक्षण सुविधा के उच्चीकरण के साथ आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।

परियोजना के तहत प्रदेश में आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए कई काम किए जाएंगे। योजना के तहत शीघ्र ही 600 करोड़ रुपये के कार्यों के टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।

– डॉ. रंजीत सिन्हा, आपदा प्रबंधन सचिव।



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