उत्तराखंड विधानसभा सत्र: सीएम की घोषणाओं को वापस लेने के मुद्दे में गरमाया सदन, पढ़ें पहले दिन क्या रहा खास

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उत्तराखंड में आज से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। पहले दिन उत्तरकाशी जिले की पुरोला नगर पंचायत में सीएम की 16 घोषणाएं वापस लेने का मामला सदन में गरमाया। कार्यस्थगन में नियम 58 के तहत विपक्ष ने इस मामले में सरकार को घेरने की कोशिश की। 

बता दें, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से दिसंबर 2021 में पुरोला नगर पंचायत के तहत की गई घोषाणाओं में पांच करोड़ रुपये की राशि जारी होने के बाद भी इन्हें वापस ले लिया गया। मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने सदन को बताया कि योजनाओं को लेकर तमाम शिकायतें मिलीं थीं, जिस कारण उन्हें वापस लिया गया। फिलहाल मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

Uttarakhand Assembly Session:  पहले दिन सदन में पेश हुए 11 विधेयक और 5440 करोड़ का अनुपूरक बजट

इससे पहले चकराता से कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने यह मामला उठाते हुए सरकार पर विपक्ष के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीएम की 16 घोषणाओं के तहत कुल 132 योजनाओं को स्वीकृति दी गई थी। इन योजनाओं के लिए मार्च 2022 में पांच करोड़ रुपये की धनराशि भी जारी कर दी गई थी। निविदाएं आमंत्रित करने के बाद तमाम योजनाओं पर काम भी शुरू हो गया था। कुछ योजनाएं सौ प्रतिशत तो कुछ पर 60 प्रतिशत काम हो चुका था।

इसके बाद सरकार ने जुलाई 2022 में एक शासनादेश जारी कर सभी योजनाओं को विलोपित कर दिया। इन कार्यों को लेकर जांच कमेटी भी बनाई गई थी। जांच में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी। उन्होंने कहा कि धन आवंटन के बाद घोषणाओं को विलोपित किया जाना, समझ से परे है। इससे सरकार का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। 

11 विधेयक हुए पेश

पहले दिन प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा(महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022, धर्मांतरण करने पर सात से 10 साल की सजा समेत 11 विधेयक सदन में पेश किए गए। विधेयक बुधवार को पास होंगे। 

अनुपूरक बजट हुआ पेश

पहले दिन सीएम धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 5440.43 करोड़ का अनुपूरक बजट  पेश किया। इसमें 2276.43 करोड़ राजस्व खर्च में और 3164 करोड़ पूंजीगत मद में खर्च होंगे। बजट पर बुधवार को चर्चा होगी।

विधानसभा में धरने पर बैठे विधायक तिलकराज बेहड़

सत्र शुरू होने से पहले ही किच्छा में कानून व्यवस्था को लेकर विधायक तिलकराज बेहड़ विधान सभा में धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि किच्छा में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। गुंडा गर्दी से लोगों में खौफ का माहौल है। किसानों का शेषण हो रहा है। सरकार को इस पर एक्शन लेना चाहिए। वहीं, कांग्रेस विधायक दल के कई नेता भी धरने पर बैठे। 

साइकिल से विधानसभा पहुंचे झबरेड़ा विधायक

साइकिल से विधानसभा परिसर पहुंचे झबरेड़ा के कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाति ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। विधायक निवास से साइकिल चलाते हुए जैसे ही विधानसभा परिसर में पहुंचे मीडिया कर्मियों ने उन्हें घेर लिया। बताया कि महंगाई के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया है। उस पर राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं चौपट हैं। वह यह संदेश देना चाहते हैं कि सेहत का ध्यान रखने के लिए राज्य के नागरिक साइकिल चलाएं। 



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