उत्तराखंड स्थापना दिवस: अब विज्ञान आधारित मॉडल राज्य बन रहा राज्य, जानें 23 वर्षों में आज कहां खड़ा है प्रदेश

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Uttarakhand Foundation Day environmentalist Anil Joshi said Uttarakhand becoming a science based model state

अनिल प्रकाश जोशी
– फोटो : फाइल फोटो



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उत्तराखंड अपनी 23 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इन 23 सालों में आज उत्तराखंड कहां खड़ा है? यह प्रश्न आज हम सबके सामने हैं। भविष्य में इसकी दिशा कैसी होनी चाहिए, उस पर मनन का भी यह समय है। उत्तराखंड बनने के पीछे सबसे बड़ी मांग यही थी कि यह पहाड़ी राज्य है और इसकी पारिस्थितिकी, संस्कृति व संसाधन देश के अन्य जगहों से अलग है। साथ में सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी रही कि उत्तराखंड की इकोलॉजी देश-दुनिया को पानी, हवा, मिट्टी व जंगल का सबसे बड़ी दाता है।

ऐसे में इसके संरक्षण के लिए अति आवश्यक यह भी हो जाता है कि यहां के लोग किसी भी रूप में यहां की आर्थिकी और पारिस्थितिकी से जुड़े रहें। ताकि, निरंतरता से हिमालय के इस हिस्से की सेवा देश को मिलती रहे। इस राज्य की सबसे बड़ी कमी थी कि पहले के 20 सालों में यहां की राजनीतिक अस्थिरता ने इसे भटकाए रखा। इस अवधि में उत्तराखंड की सबसे ज्यादा चर्चा राजनीतिक अस्थिरता को लेकर हुई। यही राज्य के निम्न विकास का भी कारण भी बना। दोनों ही मुख्य राजनीतिक दलों ने बारी-बारी से राज्य का नेतृत्व किया।

आपसी और भीतरी नेतृत्व की लड़ाई के चक्कर में गंभीर तरीके से उत्तराखंड के खाके की तैयारी भटक गई। अलबत्ता पिछले दो-चार वर्षों से कुछ स्थिरता आने के बाद गंभीरता दिखी है। आज हम कहीं एक ऐसे विकास मॉडल की तरफ जा रहे, जो विज्ञान आधारित तो है ही, पर इसमें पारिस्थितिकी की भी भागीदारी है।

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