उत्तराखंड: MSME श्रेणी के उद्योगों को नहीं कराना होगा EPR रजिस्ट्रेशन, प्लास्टिक पैकेजिंग उद्यमियों को राहत

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पैकेजिंग यूनिट  (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पैकेजिंग यूनिट (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्लास्टिक पैकेजिंग से जुड़े सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) श्रेणी के उद्योगों को ईपीआर रजिस्ट्रेशन से छूट प्रदान कर दी है। सीपीसीबी की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, अब ऐसे उद्योगों को ईपीआर के लिए पंजीकरण कराने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है।

बोर्ड के इस फैसले से देशभर के अलावा उत्तराखंड के हजारों उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। इस संबंध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निदेशक डॉ. सत्येंद्र कुमार की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब प्लास्टिक पैकेजिंग करने वाली छोटी इकाइयों, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल के अनुपालन में प्रक्रियागत असमंजस की स्थिति दूर हो गई है।

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इस संबंध में लघु उद्योग भारती, उत्तराखंड की ओर से प्रोड्यूशर, इंपोटर और ब्रांड ऑनर (पीआईबीओ) को केवल केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पोर्टल पर रजिस्टर्ड उद्यमियों से ही व्यवसाय करने की बाध्यता संबंधी नियम को समाप्त करने की मांग की गई थी, जिसे मान लिया गया है।

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्लास्टिक पैकेजिंग से जुड़े सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) श्रेणी के उद्योगों को ईपीआर रजिस्ट्रेशन से छूट प्रदान कर दी है। सीपीसीबी की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, अब ऐसे उद्योगों को ईपीआर के लिए पंजीकरण कराने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है।

बोर्ड के इस फैसले से देशभर के अलावा उत्तराखंड के हजारों उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। इस संबंध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निदेशक डॉ. सत्येंद्र कुमार की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब प्लास्टिक पैकेजिंग करने वाली छोटी इकाइयों, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल के अनुपालन में प्रक्रियागत असमंजस की स्थिति दूर हो गई है।

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इस संबंध में लघु उद्योग भारती, उत्तराखंड की ओर से प्रोड्यूशर, इंपोटर और ब्रांड ऑनर (पीआईबीओ) को केवल केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पोर्टल पर रजिस्टर्ड उद्यमियों से ही व्यवसाय करने की बाध्यता संबंधी नियम को समाप्त करने की मांग की गई थी, जिसे मान लिया गया है।



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