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बरेली जेल में बंद है अशरफ
– फोटो : अमर उजाला
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को जेल से स्थानांतरित करने व उमेश पाल हत्याकांड मामले में पूछताछ/रिमांड कार्यवाही के लिए उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी की पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 21 के तहत प्रत्येक नागरिक के अधिकार और स्वतंत्रता की रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है। कोर्ट ने कहा की पूछताछ उत्तर प्रदेश राज्य में लागू जेल मैनुअल के अनुसार होगी। कहा कि जब याचिकाकर्ता को कोई आशंका हो तो उसे सुरक्षा प्रदान की जाए। हाईकोर्ट ने यह आदेश अशरफ की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
याची ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद आरोपी बनाए जाने पर जेल स्थानांतरण के दौरान अपनी सुरक्षा की मांग के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याची ने एनकाउंटर की आशंका जताई थी। मांग की थी कि अगर पुलिस पूछताछ करना चाहती है तो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कर ले। उसका स्थानांतरण बरेली जेल से न किया जाए। यदि उनका आना जाना आवश्यक हो तो केंद्रीय पुलिस बल के संरक्षण में किया जाए और उसकी वीडियोग्राफी कराई जाए।
अशरफ ने यह भी अनुमति मांगी कि उनके पांच अधिवक्ता ट्रांजिट/पूछताछ के दौरान उपस्थित रहें। कोर्ट ने अपने आदेश में सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ पूछताछ की अवधि के दौरान उनकी पसंद के वकील को भी रखने की अनुमति दी। हालांकि, वीडियोग्राफी कराने की मांग पर निर्णय लेने का अधिकार अफसरों पर छोड़ दिया। याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दया शंकर मिश्रा ने बहस की।
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