ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो पर 28% GST से राजस्व संग्रह बढ़ेगा, वित्त मंत्री ने जानें और क्या कहा

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Online Gaming GST Nirmala Sitharaman News : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग के पूरे अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने से अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी. नीति आयोग का अनुमान है कि भारत का गेमिंग उद्योग 2021 में 28 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.9 अरब डॉलर था.

राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सीतारमण ने कहा कि कसीनो वर्तमान में सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) पर 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं. सीतारमण ने कहा, अनुमान है कि 50वीं जीएसटी परिषद की बैठक में की गई सिफारिश के अनुसार पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत की लेवी से मौजूदा स्तर से राजस्व में वृद्धि होगी.

कार्रवाई योग्य दावों की आपूर्ति करने वाले ऑनलाइन गेमिंग उद्योग और कुछ घुड़दौड़ क्लब वर्तमान में प्लैटफॉर्म शुल्क/कमीशन पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं, जो पूर्ण अंकित मूल्य का पांच से 20 प्रतिशत तक है, जबकि कुछ घुड़दौड़ क्लब पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर लगा 28 प्रतिशत का टैक्स बरकरार रहेगा. 51वीं जीएसटी परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद कहा कि ऑनलाइन गेमिंग दांव के फुल फेस वैल्यू पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने का निर्णय 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दिल्ली के वित्त मंत्री ने ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स लगाने का विरोध किया, जबकि गोवा और सिक्किम, जीजीआर (सकल गेमिंग राजस्व) पर टैक्स लगाना चाहते थे, फेस वैल्यू पर नहीं. वहीं कर्नाटक से लेकर गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश तक अन्य राज्य चाहते हैं कि पिछली बैठक में लिये गए फैसले को लागू किया जाए.

वित्त मंत्री ने जीएसटी परिषद की मीटिंग के बाद कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर लगा 28 प्रतिशत का टैक्स की समीक्षा इसके लागू होने के 6 महीने के बाद की जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय और राज्य कानूनों में आवश्यक बदलाव के बाद 28 प्रतिशत के टैक्स का फैसला 1 अक्टूबर से लागू होगा. ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के एक संगठन ने इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 28 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को कम करने का अनुरोध किया था. उद्योग निकाय ने कहा कि यह कर बहुत अधिक है और इससे अवैध तरीके से काम करने वाली गेमिंग कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा.

ऑनलाइन गेम्स का खतरनाक ‘खेल’

ऑनलाइन गेम्स में ज्यादातर ऐसे होते हैं, जो मनोविज्ञान साइकोलॉजी के आधार पर यूजर को बांधकर रखने के लिए डिजाइन किये जाते हैं. मनोवैज्ञानिकों की मानें, तो इन गेम्स की आदत इसलिए पड़ जाती है क्योंकि इनका ऐक्सेस यूजर के पास होता है. वह उठते-बैठते, खाते-पीते हुए भी अपना खेल जारी रखता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले सरकार ने पबजी मोबाइल ऐप को सुरक्षा कारणों से बैन कर दिया था. इसी तरह, भारत सरकार ने डेटा सुरक्षा चिंताओं को लेकर टिकटॉक को भी बैन कर दिया था. एक अनुमान के मुताबिक, भारत में ऑनलाइन गेमिंग का मार्केट साइज साल 2025 तक 231 अरब रुपये को पार कर जाएगा.

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