करवा चौथ की पूजन थाली में ना छूटे ये सामान, जानें पूजा विधि और चांद के दीदार का टाइम

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Karwa Chauth Thali

करवा चौथ पर पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद अब बारी है पूजन विधि की. इस दिन भगवान शिव, मां पार्वती की, और भगवान गणेश की पूजा का विधान बताया गया है. पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ सबसे श्रेष्ठ उपवास बताया गया है.

Karwa Chauth 2023

करवा चौथ की पूजा छलनी से चांद को देखकर की जाती है. इस दिन चांद की पूजा के बाद उन्हें अर्घ्य देना होता है. चांद को अर्घ्य देते समय विशेष मंत्र का जाप करना अवश्य होता है. इसके बाद छलनी पर दीपक रखकर चांद को देखना चाहिए, फिर चांद को देखते हुए चंद्रदेव से अपने पति की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए. अंत में इसी छलनी से अपने पति को देखें.

Karwa Chauth Thali Design

करवा चौथ पूजा में थाली सबसे खास होती है और महिलाएं थाली की सजावट भी बड़े उत्साह के साथ करती हैं. पूजा की थाली की सजावट के दौरान जरूरी है ये चीजें- सुहाग का सामना, कुमकुम, आटे का दीपक, छलनी, मिठाई, तांबे का लोटा या गिलास और मिट्टि का करवा थाली में जरूर रखें.

Karwa Chauth 2023

करवा चौथ के पूजन थाली में ये चीजें शामिल करें – चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, कुमकुम, अक्षत (चावल), मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलवा, दक्षिणा (दान) के लिए पैसे, इ‍त्यादि.

Karwa Chauth 2023

करवा चौथ के दिन देश के अलग-अलग शहरों में अलग-अलग समय पर चांद निकलता है. कुछ जगहों पर चांद जल्दी और कुछ जगहों पर देर से चंद्र दर्शन होते हैं. करवा चौथ के दिन हर सुहागिन महिला को चांद का इंतजार रहता है.इस साल झारखंड में चांद रात 08:15 तक चांद निकल जाएगा, लेकिन अलग-अलग जिलों में चांद निकलने समय भी थोड़ा अलग हो सकता है

Karwa Chauth 2023

एक पैराणिक कथा के अनुसार पतिव्रता वीरवती के सात भाई थे. जब वीरवती का विवाह हुआ तो उसने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा. चूंकि उसने व्रत निर्जला रखा था, इसलिए उसकी तबियत बिगड़ने लगी. ये देख भाइयों से उसकी हालत देखी नहीं जा रही थी. उनमें से एक भाई को यह बिल्कुल सहन नहीं हुआ और उसने एक छलनी में दीपक रखकर पेड़ पर चढ़ गया. जब वीरवती ने छननी में जलते हुए दीपक को देखा तो उसने उसे चांद समझ कर अपना व्रत खोल लिया. वहीं उसकी एक छोटी सी भूल से उसके पति का निधन हो गया. वीरवती को जब इस बारे में पता चला तो वो बहुत दुखी हुई और पति के मृत शरीर को अपने पास रखकर रोने लगी. पौराणिक कथा के अनुसार, वीरवती ने साल भर बाद जब करवा चौथ का व्रत सुहागिन की तरह सजधर व्रत रखा और पूरे विधि विधान से करवा पूजा किया. ये देखकर करवा देवी प्रसन्न हो गईं और वीरवति के मृत पति को फिर से जीवित कर दिया. तभी से करवा चौथ के दिन पति को छननी से देखने की परंपरा की जा रही है.

Karwa Chauth 2023

अर्घ्य देते समय इस मंत्र से करें प्रार्थना

नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे

भगवान चंद्रमा वैदिक मंत्र

ॐ इमं देवा असपत्न सुवध्वं महते क्षत्राय महते

ज्यैष्ठयाय महते जानराज्यायेनद्रस्येन्द्रियाय।

इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश

एष वोमी राजा सोमोस्मांक ब्राह्मणाना राजा।।

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