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highcourt srinagar
– फोटो : फाइल
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अपराध शाखा कश्मीर ने धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित एक मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया। जारी एक बयान के अनुसार, आरोपियों पर आपस में सांठगांठ कर आपराधिक षडयंत्र रचने और धोखाधड़ी, जालसाजी व अभिलेखों को नष्ट करने का सहारा लेने का आरोप है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है।
बयान में कहा गया है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी बांदीपोरा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। आरोप लगाया गया था कि गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल बांदीपोरा के मृतक पूर्व प्रिंसिपल ने ब्याज सहित पेंशन ग्रेच्युटी जारी करने के लिए जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा जारी अदालत का आदेश पेश किया है, जिसमें याचिकाकर्ता के मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया था। बयान में लिखा गया है कि पूर्व प्रिंसिपल के सेवा अभिलेखों की जांच से पता चला है कि उनकी सेवानिवृत्ति और जन्म तिथि के संबंध में रिकॉर्ड संदिग्ध हैं, क्योंकि व्यक्तिगत पेंशन आदेश (पीपीओ) और सर्विस बुक की दो तिथियां 31 जुलाई 2005 और 31 जुलाई 2009 सामने आईं।
इसमें आगे कहा कि पीपीओ में जन्मतिथि 20 जुलाई 1947 बताई गई है और सर्विस बुक में जन्म तिथि 20 जुलाई 1951 बताई गई है। इसके चलते मामले को सीईओ बांदीपोरा के पास भेज दिया गया, जिन्होंने प्रिंसिपल गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल बांदीपोरा से रिपोर्ट मांगी और सत्यापन के दौरान यह पता चला कि संदिग्ध ने अपना अवकाश वेतन दो बार यानी वर्ष 2006 में (188 दिनों के लिए 1,28,500 रुपये) और 2016 में (212 दिनों के लिए 4,09734 रुपये) लिया था। बयान के अनुसार संदिग्ध द्वारा श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के उच्च न्यायालय द्वारा कथित रूप से दिखाए गए एक फर्जी आदेश के आधार पर दूसरा अवकाश वेतन लिया गया है।
आदेश में लिखा है कि तदनुसार मामला प्राथमिकी संख्या 28/2017 पी/एस सीबीके में दर्ज किया गया था। जांच के दौरान आरपीसी की धारा 409, 420, 468, 471, 201, 120-बी के तहत बांदीपोरा के रहने वाले पूर्व प्रिंसिपल मोहम्मद यूसुफ मल्ला, हमीदुल्ला मीर, जहूर अहमद शाह और श्रीनगर की मुनीरा रसूल के खिलाफ अपराध साबित हुए हैं। इसके चलते अदालत के समक्ष आरपीसी की धारा 409, 420, 468, 471,201,120-बी के तहत दर्ज एफआईआर संख्या 28/2017 के मामले में चालान दायर किया गया था।
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