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मधुमिता शुक्ला हत्याकांड
– फोटो : अमर उजाला, मुंबई
विस्तार
निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई 2003 को कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हुई हत्या से तत्कालीन बसपा सरकार में हड़कंप मच गया था। चंद मिनटों में मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों को मधुमिता और अमरमणि के प्रेम प्रसंग के बारे में नौकर देशराज ने जानकारी दी, तो तत्काल शासन के अधिकारियों को सूचित किया गया। दरअसल अमरमणि बसपा सरकार के कद्दावर मंत्रियों में शुमार थे। मामले में सजा होने के बाद भी यूपी के सियासी गलियारों में अमरमणि की हनक कम नहीं हुई।
तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस हत्याकांड की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी थी। मधुमिता के शव को पोस्टमार्टम के बाद गृह जनपद लखीमपुर भेजा गया। अचानक एक पुलिस अधिकारी की नजर रिपोर्ट पर लिखी एक टिप्पणी पर पड़ी, जिसने इस मामले की जांच की दिशा बदल दी। दरअसल, रिपोर्ट में मधुमिता के गर्भवती होने का जिक्र था। तत्काल शव को रास्ते से वापस मंगवाकर दोबारा परीक्षण कराया गया। डीएनए जांच में सामने आया कि यह बच्चा अमरमणि का था।
बाद में बसपा सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराई। सीबीआई जांच के दौरान गवाहों को धमकाने के आरोप लगे तो मुकदमा देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थानांतरित कर दिया गया। कोर्ट ने मामले में 24 अक्तूबर 2007 को अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजा रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को उम्रकैद की सजा सुनाई। जबकि एक अन्य शूटर प्रकाश पांडेय को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। हालांकि बाद में नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रकाश पांडेय को भी दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
पत्नी मधुमणि भाग गई थी नेपाल
सीबीआई की जांच में अमरमणि और उनकी पत्नी की संलिप्तता के पुख्ता प्रमाण मिले। इसके बाद अमरमणि को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। जबकि मधुमणि नेपाल भाग गईं। सीबीआई कई दिनों तक उसकी तलाश करती रही। इसी तरह मधुमिता का नौकर देशराज भी कई दिन तक फरार रहा। बाद में सीबीआई ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। देशराज ने अमरमणि और मधुमिता के रिश्ते का खुलासा किया तो पूरे मामले की पर्तें उधड़ती चली गई। जांच में सामने आया कि अमरमणि से मधुमिता के रिश्तों से नाराज होकर हत्या की साजिश मधुमणि ने रची थी।
मधुमिता की बहन और सारा की मां कर रहीं संघर्ष
अमरमणि और उसके कुनबे को राजनीतिक संरक्षण देने और जेल में रखने की जगह अस्पताल में सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर मधुमिता की बहन निधि शुक्ला कई सालों से लगातार संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री और आलाधिकारियों को पत्र लिखा और धरना-प्रदर्शन किया। इसी तरह अमनमणि की पत्नी सारा सिंह की मां सीमा सिंह भी बेटी काे इंसाफ दिलाने की लड़ाई आज भी लड़ रही हैं।
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