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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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नए साल पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त 50 नई लो फ्लोर इलेक्ट्रिक एसी बसों का तोहफा दिया। मुख्यमंत्री ने राजघाट डिपो से इन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण मुक्त, सुरक्षित और अधिक सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन के नए युग में दिल्लीवासियों का स्वागत करता हूं। 50 नई बसें शामिल होने के बाद दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन के बेड़े में 300 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं। वर्तमान में दिल्ली की सड़कों पर कुल 7379 बसें चल रही हैं जो अब तक सर्वाधिक हैं।
नई 50 बसें दिल्ली के सात रूटों पर चलेंगी। सभी बसें रोहिणी के सेक्टर-37 में रुकेंगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की 100 इलेक्ट्रिक बसें भी दिल्ली सरकार अधिग्रहीत कर रही हैं। दिल्ली मेट्रो की फीडर बसें भी अब दिल्ली सरकार ही चलाएगी। दिसंबर 2023 तक दिल्ली में 2280 इलेक्ट्रिक बसें हो जाएंगी। 2025 तक 6380 और ई-बसें खरीदी जाएंगी। इसके बाद दिल्ली में बसों की कुल संख्या 10480 हो जाएगी। इनमें 8280 (80 फीसदी) बसें इलेक्ट्रिक होंगी। इस मौके पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत समेत परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
महिलाओं के लिए 25 फीसदी पिंक सीटें, दिव्यांगों के लिए भी सुविधाएं
लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसों की लंबाई 12 मीटर है। इन बसों में जीपीएस, सीसीटीवी, व्हील चेयर, महिलाओं के लिए 25 फीसदी पिंक सीट, दृष्टिबाधितों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए सीटें हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने काफी कम समय में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में बढ़ोतरी की है। दिल्ली में अब कुल 7379 बसें हो गई हैं। यह दिल्ली की सड़कों पर अब तक सर्वाधिक है।
7379 बसें चल रही हैं सड़कों पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें भी कहा गया कि इतने साल में इतनी अधिक बसें नहीं खरीदी गईं। कहावत को चरितार्थ करते हुए दिल्ली सरकार भी जब काम शुरू करती है तो छप्पर फाड़कर करती है। लगातार बसें खरीदी जा रही हैं। कुल 7379 बसों में से 4060 डीटीसी के तहत हैं जबकि 3319 बसें दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) के तहत संचालित की जा रही हैं।
मेट्रो फीडर रूट पर दिसंबर तक होंगी 480 बसें
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमआरसी भी 100 इलेक्ट्रिक बसें संचालित कर रही है। इन बसों का ठीक से संचालन नहीं हो पा रहा है। दिल्ली सरकार ने इन बसों के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीएमआरसी के फीडर रूट पर अब दिल्ली सरकार बसें चलाएगी। मेट्रो के फीडर रूट पर 100 इलेक्ट्रिक बसें पर्याप्त नहीं हैं। साल के अंत तक फीडर बसों की संख्या बढ़ाकर 480 की जाएगी।
फीडर बसों समेत साल के तक होंगी 2280 ई-बसें
दिल्ली मेट्रो की 100 और डीटीसी की 300 बसें हैं। मुंबई में 406 ई-बसें हैं। मुंबई से हम केवल 6 बसें ही पीछे रहे गए हैं। दूसरे चरण में इस साल 1500 और नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी। इस तरह दिसंबर तक दिल्ली के पास 2280 इलेक्ट्रिक (डीटीसी की 300, 480 फीडर बसें और 1500 ई बसें) बसें हो जाएंगी। 2025 के अंत तक 6380 और इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के बाद बसों की कुल संख्या बढ़कर 10480 हो जाएगी। इनमें 8280 इलेक्ट्रिक बसें होंगी। इस तरह कुल बेड़े में 80 फीसदी ई-बसें हो जाएंगी।
56 डिपो का होगा विद्युतीकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में बढ़ोतरी होने पर बस डिपो में चार्जिंग स्टेशनों की भी जरूरत होगी। दिल्ली में बस डिपो के विद्युतीकरण का काम भी तेजी से चल रहा है। कुल 56 डिपो को विद्युतीकृत किया जा रहा है। इस पर करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। तीन डिपो का विद्युतीकरण किया जा चुका है। जून तक 17 डिपो जबकि दिसंबर तक 36 डिपो विद्युतीकृत कर दिए जाएंगे।
दिल्ली में शून्य प्रदूषण वाली 300 इलेक्ट्रिक बसें: गहलोत
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यह नए युग की शुरुआत है। परिवहन बेड़े में 50 नई लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें शामिल होने के बाद दिल्ली में शून्य प्रदूषण वाली 300 इलेक्ट्रिक बसों को सड़क पर उतारने का पहला चरण पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हरित, सुरक्षित और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन सेवा मुहैैया करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अल्ट्रा चार्जिंग स्टेशन का भी किया उद्घाटन
इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए चार्जिंग स्टेशनों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाने के साथ ही अल्ट्रा चार्जिंग स्टेशन का भी उद्घाटन किया। उन्होंने स्टेशन पर मौजूद सुविधाओं का भी जायजा लिया। अल्ट्रा चार्जिंग पॉइंट पर बसों को एक घंटे से भी कम वक्त में पूरी तरह चार्ज किया जा सकता है। इससे कम समय में अधिक बसों को चार्ज किया जा सकेगा।
दिल्ली में इस साल दूसरे राज्यों की तुलना में होंगी सर्वाधिक 1800 ई-बसें
डीटीसी ने 1500 लो फ्लोर ज़ीरो एमिशन (शून्य उत्सर्जन) इलेक्ट्रिक बसों का अनुबंध भी दिया है। इन बसों को चरणबद्ध तरीके से बेड़े में शामिल किया जाएगा। सभी 1500 बसों को 2023 के अंत तक परिवहन विभाग के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। इसके बाद दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों की कुल संख्या 1800 हो जाएगी। यह आंकड़ा देश के किसी राज्य में सर्वाधिक ई-बसों का होगा।
बसों में ये सुविधाएं होंगी
- दिव्यांग यात्रियों के लिए अनुकूल हैं लो फ्लोर एसी बसें।
- महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा।
- बसों से न तो धुआं और न ही शोर होगा। यह बीएस-6 मानकों के अनुरूप हैं।
- सभी बसों में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे, व्हील चेयर, डिजिटल-कांटेक्टलेस टिकटिंग, सीसीटीवी, पैनिक बटन, हूटर हैं। सभी बसें टू-वे सेंट्रलाइज्ड कमांड और कंट्रोल सेंटर से जुड़ी हैं।
विस्तार
नए साल पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त 50 नई लो फ्लोर इलेक्ट्रिक एसी बसों का तोहफा दिया। मुख्यमंत्री ने राजघाट डिपो से इन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण मुक्त, सुरक्षित और अधिक सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन के नए युग में दिल्लीवासियों का स्वागत करता हूं। 50 नई बसें शामिल होने के बाद दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन के बेड़े में 300 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं। वर्तमान में दिल्ली की सड़कों पर कुल 7379 बसें चल रही हैं जो अब तक सर्वाधिक हैं।
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