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गोरखपुर में हाथी का तांडव।
– फोटो : अमर उजाला।
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गोरखपुर चिलुआताल इलाके के मोहम्मदपुर माफी गांव में हाथी के हिंसक होने से बृहस्पतिवार को मासूम समेत तीन जानें चली गईं, लेकिन घटना के 36 घंटे बाद भी अफसर बेखबर हैं। अभी तक वह यह नहीं बता पा रहे हैं कि हाथी किसका है? पुलिस कार्रवाई के लिए तहरीर के इंतजार में बैठी है, तो वन विभाग कमेटी गठित करने की दलील दे रहा है। इन सब के बीच परिजनों ने भी होनी को प्रभु की इच्छा मान ली है।
जानकारी के मुताबिक, हाथी को पालने के लिए वन विभाग लाइसेंस जारी करता है। यह नियम है, लेकिन न तो वन विभाग को कभी इसकी चिंता रहती है और न पालने का शौक रखने वाले ही पहल करते हैं। हादसे के बाद जब सवाल उठने लगा कि हाथी किसका है, तो कुछ बताने से बच रहा है। गांव वाले दबी जुबान बता रहे हैं कि हाथी किसका है, लेकिन खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि पुलिस को किसी ने तहरीर नहीं दी है। तहरीर आएगी तो जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य वन संरक्षक विकास यादव ने कहा कि हाथी किसका है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। एक कमेटी गठित कर दी गई है।
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