गयाजी में करें श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण करने से मिलेगी दांपत्य पीड़ा और आर्थिक तंगी से मुक्ति

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धार्मिक मान्यता है कि श्राद्ध और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों का कल्याण करते है. पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

पितृपक्ष में कई बार जाने-अनजाने की गई गलतियों के कारण आपके पूर्वज आपसे नाराज हो सकते हैं. जिससे जीवन में समस्याओं का कारण बना सकता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि यदि घर में कलह, विवाह में बार-बार अड़चनें आना, संतान सुख में बाधा और आर्थिक तंगी जैसे कष्टों का सामना करना पड़ रहा है तो इसे पितरों की नाराजगी के संकेत माना जाता है.

पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं. जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिल जाएगी और आपके जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो सकती है.

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध पक्ष में विधिवत अपने पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म करें. पितर कौवे के रूप में धरती पर पधारते हैं. इसलिए कौवे को भोजन कराये.

पितृ पक्ष के अलावा महीने की अमावस्या, पूर्णिमा, तेरस और चतुर्दशी तिथि को अपने घर के हर कोने में घी और गुड़ की धूप दें. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और अपके सभी कष्ट दूर होती है.

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