गुजरात के ब्रिज का पुराना केबल भारी दबाब के कारण टूटा : फॉरेंस‍िक सूत्र

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नई दिल्ली:

गुजरात के मोरबी में रविवार शाम ब्रिटिशकालीन सस्पेंशन ब्रिज पर लगभग 500 लोग पहुंचे हुए थे. अचानक ब्रिज टूटता है और लोग नदी में गिरने लगते हैं. हादसे में कम से कम 141 लोगों की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार यह  ब्रिज लोगों के भारी दबाब के कारण टूटा है. इस बात की जानकारी फॉरेंस‍िक सूत्रों ने दी है. वहीं, करीब 100 लोग अभी भी लापता हैं. गुजरात दुर्घटना स्‍थल पर आज के लिए राहत-बचाव कार्य बंद किया गया है.

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सूत्रों ने कहा कि फोरेंसिक अधिकारियों ने संरचना के नमूने एकत्र करने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया है. सूत्रों ने कहा कि उन्होंने पाया कि लोगों की भारी भीड़ ने केबल ब्रिज की संरचना को कमजोर कर दिया. सोशल मीडिया पर वीडियो में दर्जनों लोगों को पुल पर कूदते और दौड़ते हुए दिखाया गया है, जो मनोरंजन के लिए संरचना को प्रभावित करने का एक जानबूझकर प्रयास प्रतीत होता है.

जानकारी के अनुसार मच्छु नदी पर बने इस पुल पर 100-150 लोगों के आने की क्षमता थी. हादसे के दिन यानी रविवार को इस पुल पर क्षमता से 5 गुना ज्यादा लोग सवार थे. 100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर 400-500 लोग आ गए थे. यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मोरबी में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय का यह ‘‘हैंगिंग ब्रिज” जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर ‘‘लोगों की भारी भीड़” के कारण टूट कर गिर गया हो.

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