गोरखपुर निकाय चुनाव: हिस्ट्रीशीटर या उनके परिवार वाले बनेंगे कर्णधार तो कैसे भयमुक्त होगा समाज

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SP BSP history sheeter and BJP bet on family members of tainted

गोरखपुर नगर निगम।
– फोटो : amar ujala

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अपराध मुक्त समाज… जैसे नारों और दावों के साथ तकरीबन सभी दल लड़ रहे हैं, लेकिन चुनावी मैदान में दागी प्रत्याशियों को उतारने में कोई दल अछूता नहीं है। इस बार के निकाय चुनाव में जिले में कुल 237 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके खिलाफ किसी न किसी मामले में मुकदमा दर्ज है। सपा, बसपा ने सीधे हिस्ट्रीशीटर को ही टिकट थमा दिया है तो भाजपा ने आपराधिक प्रवृति के लोगों के रिश्तेदारों को टिकट देकर मैदान में उतारा है। मसलन, खेल सिर्फ पद और बेपद का है। गांव-गली के गुंडे हों या फिर बड़े बदमाश, सब निकाय चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

सबसे दिलचस्प पीपीगंज नगर पंचायत क्षेत्र है। भाजपा, सपा, बसपा, निर्दल सभी तरह के प्रत्याशी या तो उनके परिजनों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। पीपीगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर हामिद, बसपा से नगर पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार है। यह खुद ही चुनावी मैदान में है और अपराध रोकने का दम भर रहा है।

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इसी नगर पंचायत से एक और हिस्ट्रीशीटर राजीव रंजन चौधरी ने भी अपनी पत्नी चंद्रमा चौधरी को निर्दल उम्मीदवार बनाया है। निवर्तमान अध्यक्ष गंगा जायसवाल भी निर्दल चुनावी मैदान में हैं। इनके खिलाफ मारपीट, बलवा, एससी-एसटी का केस दर्ज है।

भाजपा प्रत्याशी के पति के बारे में सब जानते हैं…

वार्ड नंबर 35 जंगल सालिकराम नगर से भाजपा ने सुमन सिंह को पार्षद पद का प्रत्याशी बनाया है। इनके पति संतोष कुमार सिंह बलिया में टावर लगवाने के मामले में 32 लाख रुपये गबन के आरोप में जेल जा चुके हैं। पुलिस के मुताबिक, तीन साल फरार रहने के बाद 2018 में इनकी बलिया से गिरफ्तारी हुई थी। विरोधी उस समय के पेपर कटिंग को भी वायरल कर रहे हैं। निर्दल चुनाव मैदान में उतरीं सरिता यादव के पति सुधीर यादव कहते हैं, पत्नी के खिलाफ चुनाव में भाजपा ने जिसे उतारा है, उसके पति के बारे में पूरा इलाका जानता है।

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