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– फोटो : अमर उजाला।
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गोरखपुर विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्र परीक्षा परिणाम आने के एक साल बाद भी अंकपत्र के लिए विभाग और प्रशासनिक भवन की दौड़ लगा रहे हैं। अंकपत्र नहीं मिलने से वह संशय में है। स्नातक व परास्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा दे चुके छात्र अंकपत्र नहीं मिलने से काफी परेशान हैं।
अंकपत्र के अभाव में उनकी आगे की पढ़ाई बाधित हो रही है। वह किसी अन्य संस्थान में अंकपत्र के अभाव में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। छात्र फार्म भरने के ऑनलाइन परीक्षा परिणाम को सादे कॉपी पर निकाल कर आवेदन तो कर दे रहे हैं लेकिन काउंसिलिंग में उन्हें मायूसी हाथ लग रही है।
गोविवि के पत्रकारिता (बीजे) पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों का रिजल्ट पिछले साल सितंबर में ही आ गया था, लेकिन अभी तक अंकपत्र नहीं मिला है, जिस कारण वे परेशान हैं। उन्हें कहीं फॉर्म भरने पर रिजल्ट के नाम पर इंटरनेट से निकाली हुई रिजल्ट की कॉपी को देना पड़ता है।
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कई संस्थानों में अस्थाई प्रवेश लेते हुए उन्हें वास्तविक अंकपत्र जमा करने की समय-सीमा मिली हुई है। यहीं हाल अन्य पाठ्यक्रमों में भी है। अंकपत्र के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में छात्र प्रशासनिक भवन पहुंचते हैं, लेकिन जिम्मेदारों के आश्वासन से उनका धैर्य अब जवाब दे रहा है।
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