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रोडवेज बस अड्डे पर खड़ीं बसें
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के बड़ौत में सड़कों पर चलकर नहीं बल्कि फाइलों में बसों के टायर घिस रहे हैं। बड़ौत डिपो में हर महीने 20 से अधिक बसों में नए टायर बदलकर विभाग को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। फाइलों में चल रहा यह खेल खुला तो विभागीय अफसर जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।
यह हाल तब है जबकि मेरठ परिक्षेत्र में आने वाले पांच डिपो में से तीन डिपो में इस समय टायरों की कमी है और लगभग 50 बसें टायर घिस जाने के कारण कार्यशालाओं में खड़ी हैं।
कंपनी नए टायर पर एक लाख किलोमीटर की दूरी तय करने की गारंटी दे रही है, लेकिन यह गारंटी मात्र 15 हजार किमी पर आकर खत्म हो रही है। यानी विभाग को नुकसान पहुंचाने के लिए फाइलों में ही नए टायर पुराने हो रहे हैं।
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