गौरीकुंड में 20 लोग लापता: नदी और मलबे में जमीन से आसमान तक हो रही ‘जिंदगी की तलाश’…पर हर बार हो रहे निराश

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गौरीकुंड में भूस्खलन हादसे में लापता 20 लोगों का तीसरे दिन भी कोई पता नहीं चल पाया है। लापता की खोज के लिए घटनास्थल से लेकर श्रीनगर डैम तक एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, वाईएमएफ और पुलिस-होमगार्ड के जवान जुटे हुए हैं। ड्रोन कैमरा से भी लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है। जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे निरंतर मॉनीटरिंग कर रहे हैं।

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रविवार को भी सुबह करीब 5.30 बजे से घटनास्थल पर रेस्क्यू शुरू हो गया था। हाइड्रा मशीन की मदद से मलबे के ढेर को कई बार पलटा गया लेकिन कुछ नहीं मिला। इस दौरान एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान मंदाकिनी नदी के मध्य हिस्से तक भी पहुंचे लेकिन कोई सफलता नहीं मिला। वहीं, केदारनाथ में बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ने से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है।



दूसरी तरफ, लापता लोगों की खोजबीन के लिए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जिले की सीमा में संचालित सोनप्रयाग कोतवाली, थाना गुप्तकाशी व ऊखीमठ, थाना अगस्त्यमुनि और फायर सर्विस रतूड़ा के जवानों और जल पुलिस के जवानों ने मंदाकिनी व अलकनंदा नदी में कुंड, अगस्त्यमुनि, तिलवाड़ा, रुद्रप्रयाग, खांकरा होते हुए धारी देवी तक खोजबीन की।


जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि विषम परिस्थितियों और कठिन हालातों में लापता की खोजबीन के लिए अभियान चल रहा है लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।


इधर, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पौड़ी, नई टिहरी और हरिद्वार जिला प्रशासन व पुलिस से भी अपने-अपने क्षेत्र में लापता की खोज के लिए रेस्क्यू अभियान चलाने के लिए सहयोग मांगा गया है।


वहीं, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर गौरीकुंड में डाटपुल के समीप हुए भूस्खलन हादसे के बाद से अवैध अतिक्रमण से बनाई गई कच्ची दुकानों को सुरक्षा की दृष्टि से तोड़ने का अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान तहसील प्रशासन की टीम ने गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक 175 कच्ची अवैध दुकानें ध्वस्त की।


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