जमशेदपुर में मागे सुसुन में दिखी आदिवासी हो समाज की सामाजिक एकता व अखंडता की झलक

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जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर में सुंदरनगर स्थित यूसिल टावर ग्राउंड में विवाद के बीच जोहार ट्रस्ट के द्वारा रविवार को मागे पर्व का आयोजन किया गया. इसमें कोल्हान समेत ओडिशा व पश्चिम बंगाल से आये 25 नृत्य मंडलियों ने पारंपरिक मागे नृत्य प्रस्तुत किया. लाल, हरा व सफेद रंगों की पारंपरिक आउटफिट में युवतियां मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दे रही थी. सभी नृत्य मंडली अपने-अपने अंदाज में मांदर व नगाड़े को बजा रहे थे, लेकिन उनका नृत्य एक ही जैसा था. इस तरह वे सामाजिक व सांस्कृतिक रूप से अनेकता में एकता का परिचय का संदेश दे रहे थे.

बेहतर प्रदर्शन करनेवाली टीम पुरस्कृत
मागे सुसुन में बेहतर परफॉर्मेंस करने वाली टीमों को पुरस्कृत भी किया गया. जिसमें आदिवासी हो समाज हेसा सरायकेला की टीम को बेहतर प्रस्तुति देने के लिए प्रथम पुरस्कार दिया गया. उनकी टीम को नकद 30 हजार रुपये व खस्सी प्रदान किया गया. ओल पढ़ाव पठुआ जुटि नरसड़ा, सिदा होरा सुसार अखड़ा मसकल क्लब बाडेगोड़ा ओडिशा, नेसा न्यू ब्वॉयज क्लब बलियाडीह, आदिवासी कला एवं संस्कृति भवन सोनुवा, ऑल इंडिया आदिवासी हो समाज मेदिनीपुर, हो ट्रेडिशनल डांस ग्रुप हरिगुटू चाईबासा, आदिवासी हो समाज कमल अखड़ा सीतारामडेरा, जुड़ी जुपड़ी जुवन क्लब जंगीया ओडिशा, एभेन मारसाल क्लब राधानगर ओडिशा, लाको बोदरा स्टूडेंट यूनियन एवं झकास दीवाना क्लब बाड़ाम ओडिशा को क्रमश: द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, पंचम, छठवां, सातवां, आठवां, नवम, दशम, ग्यारहवां एवं बारहवां पुरस्कार दिया गया.

इनका रहा योगदान
इस मागे पोरोब को सफल बानने में जोहार ट्रस्ट, आदिवासी हो समाज महासभा, मनकी मुंडा संघ,कोल्हान रक्षा संघ, आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पदाधिकारी सहित सभी ट्रस्ट के अध्यक्ष पिंटू चाकिया, सुरा बिरुली, दुर्गा चरण बारी, उपेंद्र बानरा,रोशन पुरती, मानसिंह हेम्ब्रोम, प्रिया कुंकल, सरिता चाकिया,मोसो सोय, सोबारी दिग्गी, ढोली लुगुन, जानो पुरती, मुदई सिंकू, गीता कुंटिया, लिशा गुईया, मेचो मई कुई, संगीता बानसिह, राजा तुविड,मजूरा तियू, नरसिह बिरुली, डेविड सिंह बानरा, संगीता सामड, राजेश कण्डेयोंग, रवि सवैयां आदि ने योगदान दिया.

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