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अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा में तैनात जवान
– फोटो : PTI
विस्तार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद इस महीने के आखिर तक जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की 95 और कंपनियां आएंगी। इन जवानों की तैनाती अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए की जाएगी। यात्रा की समाप्ति के बाद भी इन जवानों को रोकने की योजना है। इनका उपयोग इस साल के अंत में (अक्तूबर-नवंबर ) प्रस्तावित निकाय व पंचायत चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था में किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, अमरनाथ यात्रा को लेकर इस बार विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। आतंकवाद तथा उसके इको सिस्टम पर प्रहार से बौखलाए पाकिस्तान की ओर से नापाक साजिश की आशंका के मद्देनजर अभी से सुरक्षा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। राज्य के प्रवेश द्वार लखनपुर से लेकर पठानकोट-जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पूरे यात्रा मार्ग पर जवानों की तैनाती रहेगी।
जगह-जगह लंगर स्थलों के आसपास ड्रोन से निगरानी रहेगी। वैसे स्थानों पर खास ध्यान रहेगा जहां घुमावदार मोड़ हों या फिर ऊंचाई हो जिससे वाहनों की गति धीमी हो जाए। जम्मू में भगवती नगर ट्रांजिट कैंप से पूरी सुरक्षा में यात्रा वाहनों को रवाना किया जाएगा।
वाहनों की रवानगी से पहले पूरे यात्रा मार्ग पर रोड ओपनिंग पार्टी की ओर से सुरक्षा जांच होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं भी आईईडी या कोई अन्य विस्फोटक न लगाया गया हो। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि स्टिकी तथा मैग्नेटिक बम का खतरा है।
इससे निपटने के लिए यात्रियों को जागरूक किया जाएगा कि वे कहीं भी अपने वाहन को छोड़कर न जाएं। वाहन कहीं पार्क हो तो उसे स्टार्ट करने से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि इसमें कोई बम तो नहीं फिट कर दिया गया है।
शाम ढलने से पहले बेस कैंप पहुंचाए जाएंगे यात्री वाहन
सूत्रों ने बताया कि वैसे स्थानों पर खास सुरक्षा रहेगी जहां कोई पुलिया हो या सड़क किनारे पहाड़ हो। हाईवे पर निकलने वाले रास्तों पर भी निगरानी रहेगी। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में हाईवे से जहां पहलगाम के लिए यात्रा मुड़ती है वहां भीड़भाड़ वाले बाजारों में भी सुरक्षा बलों की सड़क के साथ ही रूफ टॉप तैनाती होगी।
सूत्रों ने बताया कि कोशिश होगी कि यात्री वाहनों को अंधेरा ढलने से पहले पहलगाम तथा बालटाल बेस कैंप में पहुंचा दिया जाए जिससे कि किसी प्रकार की परेशानी सामने न आए।
यात्री वाहनों के लिए कट ऑफ टाइम होगा तय
सूत्रों ने बताया कि दक्षिणी कश्मीर में यात्रा मार्ग पर हमले का खतरा बना रहता है। इस वजह से यात्री वाहनों के लिए कट ऑफ समय भी निर्धारित किया जाएगा। इसके बाद किसी भी वाहन को आने जाने की अनुमति नहीं होगी। हाईवे पर यात्री वाहनों के जत्थे के गुजरने के बाद ही अन्य वाहनों को आने जाने की अनुमति होगी ताकि कोई अनहोनी न होने पाए।
अमरनाथ यात्रा को सकुशल संपन्न कराया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होगी। सड़क से लेकर ड्रोन व हेलिकॉप्टर से भी यात्रा मार्ग तथा पड़ाव स्थलों पर निगरानी रहेगी। किसी भी नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। आरएफआईडी से यात्रियों पर नजर रहेगी। यात्रियों तथा लंगर समिति वालों को भी जागरूक किया जाएगा। – दिलबाग सिंह, डीजीपी, जम्मू-कश्मीर
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