जम्मू कश्मीर: आतंकियों की धमकी से ज्यादा सरकार की खामोशी से डर, कश्मीरी पंडित बोले- ड्यूटी गए तो मारे जाएंगे

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जम्मू में प्रदर्शन करते कश्मीरी पंडित कर्मचारी

जम्मू में प्रदर्शन करते कश्मीरी पंडित कर्मचारी
– फोटो : अमर उजाला

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आतंकियों द्वारा 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सूची जारी करने और धमकी देने पर दहशत का माहौल है। सरकार के दबाव और आर्थिक तंगी के कारण ड्यूटी ज्वाइन कर चुके कर्मचारी भी अब वापस जम्मू लौट रहे हैं।

कर्मचारियों ने कहा कि आतंकियों की धमकी से ज्यादा इस मामले में सरकार की खामोशी से डर है। सरकार की खामोशी से ऐसा लगता है कि उनके लिए हमारी सुरक्षा और जीवन का कोई महत्व नहीं है। स्थानांतरण की मांग को लेकर पीएम पैकेज के कर्मचारियों का प्रदर्शन 209वें दिन भी जारी रहा।

राहत आयुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हए कर्मचारियों ने एलजी प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने हमारे लिए ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि अगर हम ड्यूटी ज्वाइन नहीं करते हैं तो आर्थिक तंगी से मर जाएंगे और अगर ज्वाइन करते हैं तो आतंकियों की गोली से मारे जाएंगे।

कर्मचारियों ने कहा, आतंकियों ने जिन 56 कर्मचारियों की सूची जारी की है उनमें वे कर्मचारी भी हैं जिन्होंने ड्यूटी ज्वाइन की है। ऐसे में उनके पास अब वापस आने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कर्मचारियों ने कहा कि पांच महीन से वेतन बंद है।

अधिकांश कर्मचारियों का परिवार उनके वेतन पर निर्भर है। ऐसे में वेतन बंद होने का असर न सिर्फ उन पर बल्कि पूरे परिवार पर पड़ रहा है।

विस्तार

आतंकियों द्वारा 56 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की सूची जारी करने और धमकी देने पर दहशत का माहौल है। सरकार के दबाव और आर्थिक तंगी के कारण ड्यूटी ज्वाइन कर चुके कर्मचारी भी अब वापस जम्मू लौट रहे हैं।

कर्मचारियों ने कहा कि आतंकियों की धमकी से ज्यादा इस मामले में सरकार की खामोशी से डर है। सरकार की खामोशी से ऐसा लगता है कि उनके लिए हमारी सुरक्षा और जीवन का कोई महत्व नहीं है। स्थानांतरण की मांग को लेकर पीएम पैकेज के कर्मचारियों का प्रदर्शन 209वें दिन भी जारी रहा।

राहत आयुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हए कर्मचारियों ने एलजी प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने हमारे लिए ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि अगर हम ड्यूटी ज्वाइन नहीं करते हैं तो आर्थिक तंगी से मर जाएंगे और अगर ज्वाइन करते हैं तो आतंकियों की गोली से मारे जाएंगे।

कर्मचारियों ने कहा, आतंकियों ने जिन 56 कर्मचारियों की सूची जारी की है उनमें वे कर्मचारी भी हैं जिन्होंने ड्यूटी ज्वाइन की है। ऐसे में उनके पास अब वापस आने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कर्मचारियों ने कहा कि पांच महीन से वेतन बंद है।

अधिकांश कर्मचारियों का परिवार उनके वेतन पर निर्भर है। ऐसे में वेतन बंद होने का असर न सिर्फ उन पर बल्कि पूरे परिवार पर पड़ रहा है।



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