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सुरक्षाबल और वाहन।
– फोटो : बासित जरगर
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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा में आतंकियों को शरण देने वाले एक व्यक्ति की संपत्ति कुर्क कर ली है। इस वर्ष 30 मई को सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में इस घर में छिपे जैश-ए-मोहम्द और लश्कर-ए-ताइबा के दो आतंकी मारे गए थे।
इसके बाद मंडलायुक्त कश्मीर ने एक दिसंबर को संपत्ति कुर्क करने की अनुमति दी थी। आधिकारिक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि इस साल 30 मई को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके में पुलिस को चेक राजपोरा निवासी जहांगीर अहमद लोन और उमर शफी लोन के घर में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी।
इसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया। तलाशी अभियान के दौरान उस घर में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा शाहिद अहमद राथर और लश्कर-ए-ताइबा से जुड़ा उमर यूसुफ मारे गए।
पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान जहांगीर अहमद और उमर की संलिप्तता सामने आई। प्रवक्ता ने कहा कि वे आतंकवादी सहयोगियों के रूप में काम कर रहे थे और क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मारे गए आतंकवादियों को आश्रय और अन्य सहायता प्रदान कर रहे थे।
इस सिलसिले में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान, दोनों आरोपियों ने मारे गए आतंकवादियों को अपने घर में आश्रय देने की बात कबूल की। इसके आधार पर अवंतीपोरा के कार्यकारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में उनके कबूलनामे को दर्ज किया गया था।
डीजीपी द्वारा आवश्यक स्वीकृति दिए जाने के बाद आरोपी की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। मंडलायुक्त कश्मीर ने एक दिसंबर को इसके लिए मंजूरी दे दी। इसके बाद मोहम्मद शफी लोन (गिरफ्तार अभियुक्तों के पिता) की संपत्ति कुर्क की गई।
प्रवक्ता ने कहा कि आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे आतंकवादियों या आतंकी सहयोगियों को अपने घरों में शरण न दें। पुलिस ने कहा कि ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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