जम्मू कश्मीर: आतंकी तंत्र को ध्वस्त करने के लिए पूरी तरह तैयार, डीजीपी बोले- एनआईए- पुलिस कर रही बेहतर जांच

[ad_1]

जम्मू कश्मीर डीजीपी दिलबाग सिंह

जम्मू कश्मीर डीजीपी दिलबाग सिंह
– फोटो : पीआरओ

ख़बर सुनें

आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी युद्ध के लिए आतंकवाद विरोधी अभियानों के अलावा आतंक समर्थन प्रणाली के व्यापक नेटवर्क को लक्षित करना होगा। प्रभावी जांच आतंकी तंत्र को ध्वस्त करने के लिए किसी हथियार से कम नहीं है। यह बात डीजीपी दिलबाग सिंह ने कही।

वीरवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त क्षमता निर्माण कार्यक्रम के छठे चरण में संबोधित कर रहे थे। श्रीनगर पुलिस मुख्यालय में शुरू हुए उद्घाटन सत्र में डीजीपी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम एनआईए के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के संबंध को दर्शाता है।

जहां तक आतंकी अपराध और यूएपीए की जांच का संबंध है, एनआईए सबसे प्रतिष्ठित जांच एजेंसियों में से एक है। यह एक सम्मान की बात है कि इसके संकाय सदस्य जेएंडके पुलिस जांचकर्ताओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अपनी जांच तकनीकों के लिए जानी जाती है।

डीजीपी ने कहा कि विशेष प्रकृति के अपराधों की जांच के लिए क्या करें, क्या न करें और कैसे करें ये तीन मुख्य और महत्वपूर्ण कारक हैं। यूएपीए की जांच फुलप्रूफ होनी चाहिए, जिसमें हर छोटे से छोटे सबूत को ध्यान में रखा जाए।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले कश्मीर जोन, एसआईए, एसआईयू और प्रॉसिक्यूशन विंग के अधिकारी न केवल अपराधों से निपट रहे हैं, बल्कि विभिन्न प्रकार की ड्यूटी भी कर रहे हैं। जांच की आधुनिक तकनीकों से परिचित होने के लिए इस उपयोगी सत्र में हिस्सा ले रहे हैं।

कार्यक्रम में एनआईए के अधिकारियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जांच अधिकारियों का स्वागत करते हुए डीजीपी ने कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की।   

पुलिस ने अपराधों की जांच पर ध्यान कें द्रित किया : एडीजीपी

एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने विभिन्न चरणों में जम्मू-कश्मीर पुलिस की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने विशेष प्रकृति के अपराधों की जांच पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए के बीच जांच कौशल और कार्य अनुभव साझा करने पर जोर दिया।

इस अवसर पर बोलते हुए आईजीपी एनआईए विजय सकारिया ने जेके पुलिस के साथ क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने का यह छठा अवसर देने के लिए डीजीपी जम्मू-कश्मीर का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूर्व में आयोजित कार्यक्रमों की सूचना उत्साहजनक है।

उन्होंने कहा कि यूएपीए एक शक्तिशाली अधिनियम है और इसका सही तरीके से उपयोग करने से चरमपंथियों और आतंकी गतिविधियों को बहुत प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य आतंकवाद से संबंधित मामलों से निपटने में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।

विस्तार

आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी युद्ध के लिए आतंकवाद विरोधी अभियानों के अलावा आतंक समर्थन प्रणाली के व्यापक नेटवर्क को लक्षित करना होगा। प्रभावी जांच आतंकी तंत्र को ध्वस्त करने के लिए किसी हथियार से कम नहीं है। यह बात डीजीपी दिलबाग सिंह ने कही।

वीरवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त क्षमता निर्माण कार्यक्रम के छठे चरण में संबोधित कर रहे थे। श्रीनगर पुलिस मुख्यालय में शुरू हुए उद्घाटन सत्र में डीजीपी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम एनआईए के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के संबंध को दर्शाता है।

जहां तक आतंकी अपराध और यूएपीए की जांच का संबंध है, एनआईए सबसे प्रतिष्ठित जांच एजेंसियों में से एक है। यह एक सम्मान की बात है कि इसके संकाय सदस्य जेएंडके पुलिस जांचकर्ताओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अपनी जांच तकनीकों के लिए जानी जाती है।

डीजीपी ने कहा कि विशेष प्रकृति के अपराधों की जांच के लिए क्या करें, क्या न करें और कैसे करें ये तीन मुख्य और महत्वपूर्ण कारक हैं। यूएपीए की जांच फुलप्रूफ होनी चाहिए, जिसमें हर छोटे से छोटे सबूत को ध्यान में रखा जाए।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले कश्मीर जोन, एसआईए, एसआईयू और प्रॉसिक्यूशन विंग के अधिकारी न केवल अपराधों से निपट रहे हैं, बल्कि विभिन्न प्रकार की ड्यूटी भी कर रहे हैं। जांच की आधुनिक तकनीकों से परिचित होने के लिए इस उपयोगी सत्र में हिस्सा ले रहे हैं।

कार्यक्रम में एनआईए के अधिकारियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जांच अधिकारियों का स्वागत करते हुए डीजीपी ने कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की।   

पुलिस ने अपराधों की जांच पर ध्यान कें द्रित किया : एडीजीपी

एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने विभिन्न चरणों में जम्मू-कश्मीर पुलिस की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने विशेष प्रकृति के अपराधों की जांच पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए के बीच जांच कौशल और कार्य अनुभव साझा करने पर जोर दिया।

इस अवसर पर बोलते हुए आईजीपी एनआईए विजय सकारिया ने जेके पुलिस के साथ क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने का यह छठा अवसर देने के लिए डीजीपी जम्मू-कश्मीर का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूर्व में आयोजित कार्यक्रमों की सूचना उत्साहजनक है।

उन्होंने कहा कि यूएपीए एक शक्तिशाली अधिनियम है और इसका सही तरीके से उपयोग करने से चरमपंथियों और आतंकी गतिविधियों को बहुत प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य आतंकवाद से संबंधित मामलों से निपटने में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *