जम्मू कश्मीर: इस साल प्रदेश में 56 विदेशी आतंकियों का हुआ सफाया, आतंकवाद की कमर टूटी

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DGP Dilbag Singh

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– फोटो : File Photo

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जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि आतंकवाद की कमर टूट चुकी है। वह अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। दो अंकों की संख्या में इनका आंकड़ा पहुंच चुका है। इस साल विदेशी आतंकी सबसे अधिक मारे गए हैं। 56 विदेशी आतंकियों को मार गिराया गया है। 

आगे उन्होंने कहा कि इस बात का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि इस साल जम्मू कश्मीर के 109 युवकों ने आतंकवाद का दामन थामा और 86 को हमने मार गिराया। आतंकवाद की राह पर चलने वाले के पास ज्यादा दिन नहीं होंगे।

डीजीपी ने कहा कि आतंकी संगठनों का धमकियां देना पाकिस्तान की आईएसआई का एजेंडा है। उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों में यह शामिल है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह क्या धमकियां दे रहे हैं। दरअसल, आतंकवाद अपने आखिरी दिन गिन रहा है। बस इसी को जिंदा रखने के लिए वह इस तरह की धमकियां देते हैं। इसके लिए कई ब्लॉग का इस्तेमाल किया जाता है। कुछेक पर हमारी नजर भी है, जबकि कई ब्लॉग पर इस तरह की धमकियां देने पर कार्रवाई की गई है।

एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी ने यह सब कहा। सोमवार को कश्मीर टाइगर नाम के ब्लॉग पर धमकी दी गई थी कि कश्मीरी पंडित उनके निशाने पर हैं। उनके ऊपर हमले तेज किए जाएंगे। इसी सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि धमकियां देना पाकिस्तान की आईएसआई का काम है। इन्हीं के इशारों पर आतंक समर्थक लोग इस तरह की धमकियां देते हैं।

डीजीपी ने कहा कि सीमा पार से आने वाले ड्रोन एक बड़ी चुनौती जरूर हैं, लेकिन सेना, बीएसएफ और पुलिस इससे निपटने के लिए प्रभावी काम कर रही है। ड्रोन से आने वाली आईईडी, हथियार और ड्रग्स बरामद किया जा रहा है।

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जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि आतंकवाद की कमर टूट चुकी है। वह अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। दो अंकों की संख्या में इनका आंकड़ा पहुंच चुका है। इस साल विदेशी आतंकी सबसे अधिक मारे गए हैं। 56 विदेशी आतंकियों को मार गिराया गया है। 

आगे उन्होंने कहा कि इस बात का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि इस साल जम्मू कश्मीर के 109 युवकों ने आतंकवाद का दामन थामा और 86 को हमने मार गिराया। आतंकवाद की राह पर चलने वाले के पास ज्यादा दिन नहीं होंगे।

डीजीपी ने कहा कि आतंकी संगठनों का धमकियां देना पाकिस्तान की आईएसआई का एजेंडा है। उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों में यह शामिल है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह क्या धमकियां दे रहे हैं। दरअसल, आतंकवाद अपने आखिरी दिन गिन रहा है। बस इसी को जिंदा रखने के लिए वह इस तरह की धमकियां देते हैं। इसके लिए कई ब्लॉग का इस्तेमाल किया जाता है। कुछेक पर हमारी नजर भी है, जबकि कई ब्लॉग पर इस तरह की धमकियां देने पर कार्रवाई की गई है।

एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी ने यह सब कहा। सोमवार को कश्मीर टाइगर नाम के ब्लॉग पर धमकी दी गई थी कि कश्मीरी पंडित उनके निशाने पर हैं। उनके ऊपर हमले तेज किए जाएंगे। इसी सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि धमकियां देना पाकिस्तान की आईएसआई का काम है। इन्हीं के इशारों पर आतंक समर्थक लोग इस तरह की धमकियां देते हैं।

डीजीपी ने कहा कि सीमा पार से आने वाले ड्रोन एक बड़ी चुनौती जरूर हैं, लेकिन सेना, बीएसएफ और पुलिस इससे निपटने के लिए प्रभावी काम कर रही है। ड्रोन से आने वाली आईईडी, हथियार और ड्रग्स बरामद किया जा रहा है।



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