जम्मू कश्मीर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की प्रमुख पहलों को किया लॉन्च

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LG Manoj Sinha

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– फोटो : सोशल मीडिया

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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की प्रमुख पहलों की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक ज्ञानी समाज के लिए आवश्यक कौशल की विस्तृत श्रृंखला के साथ छात्रों को लैस करने के लिए आज एनईपी 2020 की प्रमुख पहलों की शुरुआत की गई है।

एलजी ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के केंद्र मेंभविष्य के नवप्रवर्तकों और नेताओं को प्रशिक्षित करने के लिए अंतर-अनुशासनात्मक पाठ्यक्रम और बहु-विषयक शिक्षा हैं। 2022-23 सत्र से यह सभी कॉलेजों के यूजी कार्यक्रम में लागू की गई है। इसकी सिफारिशें सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल के बीच की खाई को पाटेंगी, शोध के लिए संसाधन और विकल्प प्रदान करेंगी और डिग्री कार्यक्रम को पूरा करने में लचीलापन प्रदान करेंगी।

भविष्य की उच्च शिक्षा और शिक्षण तरल शिक्षण मॉडल मंच की तरह अधिक गतिशील, अनुकूलनीय और वैयक्तिकृत होगा, जो तेजी से बदलती दुनिया में विविध और व्यापक ज्ञान के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए विभिन्न विषयों के विचारों को समेकित रूप से मिश्रित करेगा। ये समस्या-आधारित शिक्षा छात्रों को वास्तविक दुनिया की स्थितियों से परिचित कराएगी और सोच और रचनात्मकता कौशल विकसित करेगी।

उपराज्यपाल ने कहा कि एनईपी भविष्य की उच्च शिक्षा और शिक्षण तेजी से बदलती दुनिया में विविध और व्यापक ज्ञान के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए विभिन्न विषयों से विचारों को समेकित रूप से मिश्रित करने और कल के लिए प्रासंगिक कौशल और ज्ञान प्रदान करते हैं। पेपरलेस मोड में एनईपी 2020 के सफल कार्यान्वयन के पूरक के लिए, ई-समर्थ पोर्टल, फीडबैक पोर्टल, बायोमेट्रिक अटेंडेंस पोर्टल, स्पैरो पोर्टल और एनुअल ट्रांसफर पोर्टल जैसी विभिन्न डिजिटल पहल शुरू की गई हैं।

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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की प्रमुख पहलों की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक ज्ञानी समाज के लिए आवश्यक कौशल की विस्तृत श्रृंखला के साथ छात्रों को लैस करने के लिए आज एनईपी 2020 की प्रमुख पहलों की शुरुआत की गई है।

एलजी ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के केंद्र मेंभविष्य के नवप्रवर्तकों और नेताओं को प्रशिक्षित करने के लिए अंतर-अनुशासनात्मक पाठ्यक्रम और बहु-विषयक शिक्षा हैं। 2022-23 सत्र से यह सभी कॉलेजों के यूजी कार्यक्रम में लागू की गई है। इसकी सिफारिशें सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल के बीच की खाई को पाटेंगी, शोध के लिए संसाधन और विकल्प प्रदान करेंगी और डिग्री कार्यक्रम को पूरा करने में लचीलापन प्रदान करेंगी।

भविष्य की उच्च शिक्षा और शिक्षण तरल शिक्षण मॉडल मंच की तरह अधिक गतिशील, अनुकूलनीय और वैयक्तिकृत होगा, जो तेजी से बदलती दुनिया में विविध और व्यापक ज्ञान के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए विभिन्न विषयों के विचारों को समेकित रूप से मिश्रित करेगा। ये समस्या-आधारित शिक्षा छात्रों को वास्तविक दुनिया की स्थितियों से परिचित कराएगी और सोच और रचनात्मकता कौशल विकसित करेगी।

उपराज्यपाल ने कहा कि एनईपी भविष्य की उच्च शिक्षा और शिक्षण तेजी से बदलती दुनिया में विविध और व्यापक ज्ञान के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए विभिन्न विषयों से विचारों को समेकित रूप से मिश्रित करने और कल के लिए प्रासंगिक कौशल और ज्ञान प्रदान करते हैं। पेपरलेस मोड में एनईपी 2020 के सफल कार्यान्वयन के पूरक के लिए, ई-समर्थ पोर्टल, फीडबैक पोर्टल, बायोमेट्रिक अटेंडेंस पोर्टल, स्पैरो पोर्टल और एनुअल ट्रांसफर पोर्टल जैसी विभिन्न डिजिटल पहल शुरू की गई हैं।



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