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पुलवामा में लगाए गए आतंकियों के पोस्टर
– फोटो : संवाद
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पुलवामा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बार फिर चार आतंकियों के पोस्टर जारी किए हैं। इन पर 10-10 लाख का इनाम घोषित किया गया है। सूत्रों के मुताबिक चारों आतंकियों की बड़े स्तर पर तलाश जारी की जा रही है। सभी एजेंसियां मिलकर चारों को खोजने के लिए अभियान चला रही है। इसी के तहत लोगों को भी उनके बारे में आगाह किया जा रहा है।
हिंसक गतिविधियां, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के मामले में तलाश
इससे पहले अप्रैल में भी एनआईए ने लश्कर के छदम संगठन टीआरएफ के इन चार आतंकियों पर इनाम घोषित किया था। एनआईए को इन आतंकियों की तलाश 18 नवंबर 2021 को दर्ज एक मामले में है। यह मामला हिंसक गतिविधियां, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकवाद में भर्ती करने के लिए रची गई साजिश से संबंधित है।
तीन आतंकी पाकिस्तान में मौजूद
जिन आतंकियों पर इनाम की घोषणा की गई थी उनमें से तीन पाकिस्तान में हैं जबकि एक बासित अहमद डार कश्मीर में टीआरएफ की कमान संभाल रहा है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन चार आतंकियों में से सलीम रहमानी उर्फ अबु साद और सैफुल्ला साजिद जट्ट उर्फ सज्जाद जट्ट पाकिस्तानी हैं।
यह दोनों इस समय पाकिस्तान में ही हैं। अन्य दो आतंकी बासित अहमद डार व सज्जाद गुल उर्फ शेख साजिद कश्मीरी है। सज्जाद गुल श्रीनगर के एचएमटी इलाके का रहने वाला है और बीते कुछ बरसों से पाकिस्तान में है। साजिद जट्ट और सलीम रहमानी दोनों ही कश्मीर में सक्रिय रह चुके हैं।
सज्जाद लश्कर के प्रमुख आतंकियों में से एक
सज्जाद गुल प्रतिबंधित आतंकी ब्लॉग द कश्मीर फाइट्स का भी संचालक बताया जाता है। वह लश्कर के प्रमुख आतंकियों में से एक है। श्रीनगर में बीते चार साल के दौरान हुई विभिन्न नागरिक हत्याओं में उसका नाम आया है। सूत्रों के अनुसार वो राइजिंग कश्मीर अखबार के संपादक शुजात बुखारी की हत्या में भी वह शामिल रहा है।
डार कश्मीर में टीआरएफ का ऑपरेशनल चीफ कमांडर
दक्षिण कश्मीर में रेडवनी कुलगाम का रहने वाला बासित अहमद डार कश्मीर में टीआरएफ का ऑपरेशनल चीफ कमांडर बताया जाता है। साजिद जट्ट करीब पांच साल तक कश्मीर में सक्रिय रहने के बाद वर्ष 2007 में अपनी पत्नी संग नेपाल के रास्ते पाकिस्तान भाग गया था।
सज्जाद गुल की मदद से टीआरएफ के नेटवर्क को तैयार किया
सलीम और साजिद जट्ट ही बीते तीन साल से पीओके से लश्कर के आतंकियों को कश्मीर भेजने का जिम्मा संभाले हुए हैं। साजिद जट्ट ने ही कश्मीर में सज्जाद गुल की मदद से टीआरएफ के नेटवर्क को तैयार किया है।
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