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LG Manoj Sinha
– फोटो : सोशल मीडिया
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उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने डिजिटल कवायद के प्रयोग से प्रभावी और जवाबदेह शासन को जम्मू -कश्मीर में उच्च प्राथमिकता बताया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल संसाधनों के प्रयोग के मामले में केवल डेढ़ साल में जम्मू कश्मीर ने लंबी छलांग लगते हुए केंद्र शासित प्रदेशों में पहला स्थान हासिल किया है।
राज्यों की बात करें तो जम्मू-कश्मीर पांचवें नंबर पर है। मजबूत इच्छा शक्ति के बल पर यह संभव हुआ है। कटड़ा में राष्ट्रीय ई गवर्नेंस (सुशासन) सम्मेलन के समापन समारोह में रविवार को उन्होंने कहा वर्ष 2013 में जम्मू कश्मीर में साल भर में सिर्फ 20 लाख ऑनलाइन लेन-देन हुए।
वहीं 2022 में 25 नवंबर तक ऑनलाइन माध्यम से 38.50 करोड़ का लेनदेन हुआ है। जम्मू कश्मीर में प्रत्येक मिनट में ऑनलाइन माध्यम से 550 लोग लेन देन कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर बैंक के माध्यम से ही 25 लाख ऑनलाइन लेनदेन हुआ है।
इस मामले में कर्नाटक और आंध्रपदेश से भी जम्मू-कश्मीर आगे निकल गया है। उन्होंने कहा, डिजिटल संसाधनों के आदान प्रदान में हरियाणा सरकार व जम्मू कश्मीर के मध्य हुए समझौते से प्रदेश में सूचना तकनीक कवायद और ज्ञान के आदान प्रदान में बड़ी मदद मिलेगी।
अगले एक से पांच साल के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने डिजिटल कवायद के लिए रेेडमैप और कार्ययोजना तैयार की है। अगले तीन सालों में 500 से ज्यादा सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, डिजिटल कार्य को अपनाने से जम्मू कश्मीर में दरबार मूव की परंपरा को समाप्त करने में मदद मिली है। इससे 400 करोड़ सालाना की बचत हुई है। जम्मू-कश्मीर में अब जम्मू और श्रीनगर दोनों जगह नागरिक सचिवालय 12 महीने खुला रहता है।
यह सब डिजिटल कवायद को अपनाने से संभव हो पाया है। उन्होंने राष्ट्रीय ई गवर्नेंस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट़टर का आभार भी जताया।
भूमि रिकॉर्ड दुरुस्त रहता तो महाभारत नहीं होता
सिन्हा ने कहा कि महाभारत काल में भूमि रिकॉर्ड दुरुस्त रहता तो इतना बड़ा युद्ध नहीं होता। जम्मू-कश्मीर में भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण का काम पूरा किया गया है। लोगों की जिंदगी को सरल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल कवायद पर जोर दिया है। जम्मू-कश्मीर इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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