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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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जम्मू-कश्मीर का दूरसंचार विभाग (डॉट) जल्द ही आपातकालीन घटनाओं के बारे में लोगों को एसएमएस के माध्यम से सचेत करेगा। डॉट की ओर से शुरू की जा रही इस सेवा से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को ”चेतावनी ध्वनियों” के साथ ”नया सुरक्षा संदेश” मिलेगा। यह जानकारी सर्तकता जागरुकता सत्र में सहायक निदेशक विजय कुमार ने दी है।
उन्होंने कहा कि ऑडियो अलर्ट लोगों को आपातकालीन स्थितियों के बारे में चेतावनी देने के लिए है। इसका परीक्षण भी किया गया है। इससे पता चला है कि एसएमएस अन्य ध्वनियों से अलग है। लोगों का ध्यान तेजी से खींचने के लिए डिजाइन किया गया है। जिससे भूकंप, अचानक बाढ़, आतंकवादी हमलों, महामारी और कानून-व्यवस्था के मुद्दों जैसी घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।
सहायक निदेशक के अनुसार सुविधाओं का उद्देश्य जीवन और संपत्ति के नुकसान को रोकने के लिए तुरंत चेतावनी भेजना है। तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाया गया है, ताकि सभी मोबाइल उपयोगकर्ताओं तक आपदा प्रबंधन का संदेश तुरंत पहुंचाया जा सके। प्रदेश में लाइसेंस सेवा क्षेत्र (एलएसए) विभिन्न मोबाइल ऑपरेटरों और सेल प्रसारण प्रणालियों में आपातकालीन चेतावनी प्रसारण की दक्षता और प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए इस बड़े पैमाने के सेल प्रसारण पहल के लिए परीक्षण मैदान के रूप में कार्य करता है। एडीजी ने कहा, मैसेजिंग की खासियत है कि यह एक क्षेत्र की पहचान करेगा। संदेश उस क्षेत्र के सभी मोबाइल उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाया जाएगा। अलर्ट उन्हें संभावित खतरों के बारे में चेतावनी देगा।
परीक्षण पूरा होने के बाद प्रधान मंत्री कर सकते हैं सेवा का उद्घाटन
अधिकारियों ने कहा कि मैसेजिंग सिस्टम भारत में कहीं भी चालू नहीं है और परीक्षण चरण में है। बीएसएनएल द्वारा जम्मू-कश्मीर में पहली बार सेवा का परीक्षण किया गया। इस सेवा के लिए मोबाइल उपयोगकर्ताओं से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। यह सेवा पूरी तरह से आपदा प्रबंधन सेटअप और सेवा प्रदाताओं द्वारा संचालित है। डॉट के अधिकारी एके त्रिपाठी ने कहा कि परीक्षण पूरा होने के बाद सेवा को प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किए जाने की संभावना है।
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