[ad_1]

जम्मू में प्रदर्शन करते कश्मीरी पंडित
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जम्मू की जगती में कश्मीरी विस्थापितों का छठे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान अध्यक्ष ने विस्थापितों की समस्याओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कश्मीरी विस्थापितों को बिजली बिल भरने का निर्देश दिया है। यह आदेश पूरी तरह से अनुचित है।
अन्य प्रदर्शनकारियों ने भी बिजली शुल्क के भुगतान का विरोध किया और सरकार से इस आदेश को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया। शादी लाल पंडिता ने कहा कि 1990 के दशक में जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी से भागना पड़ा था।
तब सरकार ने कहा था कि उन्हें केवल 15 से 20 दिन के लिए जम्मू में शिविरों में रखा जाएगा। उसके बाद सरकार कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास करेगी। सरकारों ने 33 साल तक कश्मीरी पंडितों को राजनीति का शिकार बनाकर बर्बाद कर दिया है।
आतंकवाद के कारण 33 साल से निर्वासित जीवन जी रहे हैं। कश्मीरी विस्थापितों के लिए जब तक सरकार कश्मीर घाटी में घर नहीं बनाती, तब तक कोई भी कैंप में रहने वाला विस्थापित सरकार को बिजली शुल्क नहीं देगा।
उन्होंने मासिक नकद राहत 13000 रुपये से बढ़ाकर तत्काल 25000 रुपये करने की मांग की। इस मौके पर काशी नाथ भट, रविंदर कौल, सुनील कौल, मोहन कृष्ण टिकू समेत अन्य मौजूद रहे।
[ad_2]
Source link