जम्मू कश्मीर: ढांगरी हत्याकांड के विरोध में नहीं मनाया जाएगा लोहड़ी पर्व, सरपंचों ने बैठक कर लिया निर्णय

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राजोरी में पुलिस के साथ बैठक करते लोग

राजोरी में पुलिस के साथ बैठक करते लोग
– फोटो : संवाद

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ढांगरी ब्लॉक और आसपास के इलाकों के सरपंचों ने बुधवार को एक बैठक कर प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई, वीडीसी को मजबूत नहीं किया गया, तो वह बड़े पैमाने पर अपने-अपने गांव से पलायन करने पर मजबूर हो जाएंगे। इसी के साथ  इस साल लोहड़ी पर्व न मनाने की भी तयपाई हुई है। 

बैठक में मौजूद ढांगरी के सरपंच धीरज शर्मा ने बताया कि बैठक में विभिन्न पंचायतों से 30 के करीब सरपंचों ने भाग लिया। जहां सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष ढांगरी हत्याकांड के विरोध में लोहड़ी पर्व नहीं मनाया जाएगा। 

सरपंच ने बताया कि ढांगरी में हुए हत्याकांड से ढांगरी और आसपास के इलाकों के गांवों के लोग इतने डरे और सहमे हैं कि उन्हें कोई पर्व मनाने का मन नहीं करेगा और दहशत के साथ गुस्सा और गम भी है। इसके चलते निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष लोहड़ी पर्व नहीं मनाया जाएगा।

हत्याकांड में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। वहीं ढांगरी से सटे सरानू की सरपंच आरती शर्मा ने बताया कि यदि प्रदेश शासन और केंद्र सरकार ने जल्द ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को कड़ी सुरक्षा मुहैया नहीं कराई, वीडीसी सदस्यों को नए और आधुनिक हथियार प्रदान नहीं किए तो अल्पसंख्यक समुदाय के लोग मजबूर होकर अपने गांवों से पलायन करेंगे। 

सरपंचोें ने बैठक में रोष प्रकट करते हुए बताया कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी गांवों में न तो सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं और न ही सामूहिक हत्याकांड में शामिल आतंकवादियों को ढेर किया गया।

इसके चलते लोगों में दहशत गम और गुस्सा बरकरार है। यदि जल्द ही सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त नहीं किए गए और आतंकवादियों को ढेर नहीं किया गया तो लोग बड़े पैमाने पर पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

विस्तार

ढांगरी ब्लॉक और आसपास के इलाकों के सरपंचों ने बुधवार को एक बैठक कर प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई, वीडीसी को मजबूत नहीं किया गया, तो वह बड़े पैमाने पर अपने-अपने गांव से पलायन करने पर मजबूर हो जाएंगे। इसी के साथ  इस साल लोहड़ी पर्व न मनाने की भी तयपाई हुई है। 

बैठक में मौजूद ढांगरी के सरपंच धीरज शर्मा ने बताया कि बैठक में विभिन्न पंचायतों से 30 के करीब सरपंचों ने भाग लिया। जहां सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष ढांगरी हत्याकांड के विरोध में लोहड़ी पर्व नहीं मनाया जाएगा। 

सरपंच ने बताया कि ढांगरी में हुए हत्याकांड से ढांगरी और आसपास के इलाकों के गांवों के लोग इतने डरे और सहमे हैं कि उन्हें कोई पर्व मनाने का मन नहीं करेगा और दहशत के साथ गुस्सा और गम भी है। इसके चलते निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष लोहड़ी पर्व नहीं मनाया जाएगा।

हत्याकांड में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। वहीं ढांगरी से सटे सरानू की सरपंच आरती शर्मा ने बताया कि यदि प्रदेश शासन और केंद्र सरकार ने जल्द ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को कड़ी सुरक्षा मुहैया नहीं कराई, वीडीसी सदस्यों को नए और आधुनिक हथियार प्रदान नहीं किए तो अल्पसंख्यक समुदाय के लोग मजबूर होकर अपने गांवों से पलायन करेंगे। 

सरपंचोें ने बैठक में रोष प्रकट करते हुए बताया कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी गांवों में न तो सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं और न ही सामूहिक हत्याकांड में शामिल आतंकवादियों को ढेर किया गया।

इसके चलते लोगों में दहशत गम और गुस्सा बरकरार है। यदि जल्द ही सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त नहीं किए गए और आतंकवादियों को ढेर नहीं किया गया तो लोग बड़े पैमाने पर पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।



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