जम्मू कश्मीर: दो दिन में टोल प्लाजा से नहीं हुई आतंकियों के ट्रक की आवाजाही, सिद्दड़ा मुठभेड़ की जांच शुरू

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जम्मू के सिद्दड़ा मुठभेड़ के दौरान ट्रक से उठता धुआं

जम्मू के सिद्दड़ा मुठभेड़ के दौरान ट्रक से उठता धुआं
– फोटो : अमर उजाला

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आतंकियों और हथियारों को लेकर जो ट्रक सिद्दड़ा में पकड़ा गया, पिछले दो दिन में उस ट्रक की नेशनल हाईवे पर सरोर टोल प्लाजा से आवाजाही का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। वहीं, लखनपुर टोल प्लाजा से भी ट्रक को लेकर ट्रक के गुजरने संबंधी मालुमात नहीं मिल पाई है।

ट्रक के रूट का पता लगाने में जुटीं एजेंसियों ने बुधवार को सरोर टोल प्लाजा का रिकॉर्ड खंगाला, लेकिन इस नंबर के वाहन का रिकॉर्ड दर्ज नहीं मिल पाया। ऐसे में कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि संभव है। 

 

ट्रक पर जिस तरह से फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई थी, उसी तरह से कोई और नंबर प्लेट का भी इस्तेमाल हो सकता है। हालांकि इसकी संभावना बहुत कम है। यह भी आशंका है कि या तो यह ट्रक कई दिन पहले ही टोल का पड़ाव पार कर चुका था या फिर किसी दूसरे रास्ते से जम्मू तक पहुंचने में कामयाब रहा।

 

दरअसल पूर्व में हुए इस तरह के मामलों में ट्रक की मूवमेंट को ट्रेस किया जाता रहा है। आतंकियों और हथियारों की तस्करी में लगे वाहन जब भी पंजाब से आए हैं तो उनकी लखनपुर से मूवमेंट का बाद में पता लगा लिया गया। बुधवार को जिस ट्रक का इस्तेमाल किया गया, उसका लखनपुर से भी कोई रिकॉर्ड नहीं पाया गया है। 

विस्तार

आतंकियों और हथियारों को लेकर जो ट्रक सिद्दड़ा में पकड़ा गया, पिछले दो दिन में उस ट्रक की नेशनल हाईवे पर सरोर टोल प्लाजा से आवाजाही का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। वहीं, लखनपुर टोल प्लाजा से भी ट्रक को लेकर ट्रक के गुजरने संबंधी मालुमात नहीं मिल पाई है।

ट्रक के रूट का पता लगाने में जुटीं एजेंसियों ने बुधवार को सरोर टोल प्लाजा का रिकॉर्ड खंगाला, लेकिन इस नंबर के वाहन का रिकॉर्ड दर्ज नहीं मिल पाया। ऐसे में कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि संभव है। 

 

ट्रक पर जिस तरह से फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई थी, उसी तरह से कोई और नंबर प्लेट का भी इस्तेमाल हो सकता है। हालांकि इसकी संभावना बहुत कम है। यह भी आशंका है कि या तो यह ट्रक कई दिन पहले ही टोल का पड़ाव पार कर चुका था या फिर किसी दूसरे रास्ते से जम्मू तक पहुंचने में कामयाब रहा।

 

दरअसल पूर्व में हुए इस तरह के मामलों में ट्रक की मूवमेंट को ट्रेस किया जाता रहा है। आतंकियों और हथियारों की तस्करी में लगे वाहन जब भी पंजाब से आए हैं तो उनकी लखनपुर से मूवमेंट का बाद में पता लगा लिया गया। बुधवार को जिस ट्रक का इस्तेमाल किया गया, उसका लखनपुर से भी कोई रिकॉर्ड नहीं पाया गया है। 



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