[ad_1]

(सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
ख़बर सुनें
विस्तार
श्रीनगर में अपराध शाखा की आर्थिक इकाई ने प्राथमिकी दर्ज होने के सात वर्ष बाद एक सेवानिवृत्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार, दो पटवारी, एक गिरदावर व एक ग्रामीण के खिलाफ जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक न्यायालय बारामुला की अदालत में एक आरोप पत्र वीरवार को दाखिल किया।
आरोपियों में सभी सरकारी अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें से चार आरोपियों की मौत भी हो चुकी है।यह मामला बारामुला जिले के नरवाव शरीनाबाद इलाके में 98.16 कनाल जमीन पर धोखाधड़ी कर कब्जे से जुड़ा हुआ है।
इस मामले में गुलाम हैदर मीर तत्कालीन पटवारी हेवन शीरी बारामुला (सेवानिवृत्त), जसवंत सिंह तत्कालीन नायब तहसीलदार बारामुला (सेवानिवृत्त), अब्दुल राशिद खान निवासी गंतमुल्ला तत्कालीन गिरदावर सर्किल हेवन (मृतक), मोहम्मद अशरफ लोन निवासी रफियाबाद तत्कालीन पटवारी हेवन शीरी बारामुला (मृत), तत्कालीन तहसीलदार फिरदौस सुल्तान रैना निवासी उस्मानाबाद कुपवाड़ा (सेवानिवृत्त व अब मृत) व मोहम्मद निवासी जोगियार शीरी बारामुला (मृत) शामिल हैं।
तत्कालीन राज्य सतर्कता आयोग से प्राप्त एक लिखित सूचना पर तत्कालीन अपराध शाखा ने अप्रैल 2015 में सभी आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन सरकार ने वर्ष 1968 में सिंचाई विभाग के लिए नरवाव शरीनाबाद शीरी बारामुला में 98.16 कनाल भूमि अधिग्रहीत की थी और उसके मुआवजे का भुगतान किया गया था। आरोपियों ने संबंधित राजस्व अधिकारियों की मदद से जमीन पर कब्जा कर लिया।
मामले की जांच के दौरान, यह पता चला कि इन अभियुक्तों ने एक दूसरे के साथ मिलीभगत कर वर्ष 1982 में विभिन्न लाभार्थियों के नाम पर झूठे/जाली राजस्व दस्तावेज तैयार किए और इस तरह उक्त लाभार्थियों के नाम पर अवैध रूप से जमीन हस्तांतरित कर दी।
कृषि सुधार अधिनियम की धारा 4 और 8 के तहत फर्जी म्यूटेशन करा लिया। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि अभियुक्त संख्या एक से पांच ने अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग किया और छठे आरोपी के साथ मिलकर अवैध म्यूटेशन करवा कर जमीन हस्तांतरित कर ली गई।
बडगाम में दो आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल
आर्थिक अपराध शाखा ने बडगाम के मोबाइल मजिस्ट्रेट की अदालत में बांदीपोरा निवासी एजाज अहमद और बडगाम निवासी जमशेद अहमद के खिलाफ धोखाधड़ी के एक मामले में चार्जशीट दाखिल की है। दोनों पर पैसा लेकर सरकारी राशन दुकान का फर्जी लाइसेंस आवंटित करने का आरोप है।
इसी वर्ष सहायक निदेशक खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले (एफसीएस एंड सीए) बडगाम की एक लिखित शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि ज्वलपोरा और चायरा में उचित मूल्य की दुकान स्थापना के लिए फर्जी लाइसेंस दिए गए थे।
जांच के दौरान पता चला कि एजाज अहमद लोन व जमशेद अहमद डार ने आपस में सांठगांठ कर एक साजिश रची। उचित मूल्य दुकान का लाइसेंस जारी करने के लिए पैसा लेकर फर्जी आदेश जारी कर दिए।
[ad_2]
Source link