जम्मू कश्मीर: वैष्णो देवी में नए साल पर श्रद्धालुओं की भीड़ से निपटने को प्रशासन तैयार, 500 कैमरों से निगरानी

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माता वैष्णो देवी के दर्शन करने भवन पहुंचे श्रद्धालु

माता वैष्णो देवी के दर्शन करने भवन पहुंचे श्रद्धालु
– फोटो : संवाद

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माता वैष्णो देवी दरबार में 31 दिसंबर व एक जनवरी को होने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ से निपटने के लिए श्राइन बोर्ड और प्रशासन लगातार उपाय कर रहा है। इन इंतजामों को परखने के लिए लगातार बैठकें भी की जा रही हैं। इसके साथ ही कोरोना के संभावित प्रसार से निपटने के लिए भी दिशा-निर्देशों को सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से निपटने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए माता वैष्णो देवी मंदिर में कई उपाय किए जा रहे हैं। पिछले साल एक जनवरी को मंदिर में पहली बार मची भगदड़ में 12 तीर्थयात्रियों की जान चली गई और 16 घायल हो गए थे।

इस घटना ने 13 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर भीड़ नियंत्रण व तीर्थयात्रियों की ट्रैकिंग के लिए श्राइन बोर्ड को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआई) शुरू करने के लिए प्रेरित किया। श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि नए साल के आसपास भक्तों की भारी भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए मंदिर तैयार है।

श्रद्धालुओं के अपेक्षित प्रवाह के सुचारू नियमन, पूरे ट्रैक, विशेष रूप से भवन क्षेत्र में 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की तैयारी है। तीर्थयात्रियों की भीड़ से बचने के लिए बोर्ड की प्रवर्तन टीमों को 30 दिसंबर से 2 जनवरी तक चार दिनों के लिए भवन में तैनात किया जा रहा है।

यह टीमें सुनिश्चित करेंगी कि जिनके पास वैध ठहरने की पर्ची है उनको छोड़ कर अन्य श्रद्धालु दर्शन करने के तुरंत बाद आधार शिविर कटड़ा लौट आएं।  50,000 तीर्थयात्रियों की दैनिक सीमा से अधिक बढ़ने पर तीर्थयात्रियों को समायोजित करने के लिए श्राइन बोर्ड ने कटड़ा, अर्धकुंवारी, सांझीछत और मनोकामना क्षेत्र में से एक में चार होल्डिंग क्षेत्रों की पहचान की गई है।

इससे पहले श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने बताया था कि आरएफआईडी आधारित यात्रा पंजीकरण कार्ड न केवल सुरक्षा बढ़ाने के लिए शुरू किए गए हैं, बल्कि तीर्थयात्रियों के बेहतर नियमन के लिए भवन के रास्ते में ट्रैक पर तीर्थयात्रियों की वास्तविक समय पर निगरानी सुनिश्चित होगी। किसी भी तीर्थयात्री को वैध आरएफआईडी कार्ड के बिना आग बढ़ने की अनुमति नहीं होगी। 

मास्क अनिवार्य

कोरोना के के बारे में अधिकारी ने कहा कि सभी हितधारकों को यात्रियों से निपटने के दौरान मास्क पहनने की सलाह दी गई है। श्राइन बोर्ड ने अटका आरती और दर्शन कतार में शामिल होने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।

विस्तार

माता वैष्णो देवी दरबार में 31 दिसंबर व एक जनवरी को होने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ से निपटने के लिए श्राइन बोर्ड और प्रशासन लगातार उपाय कर रहा है। इन इंतजामों को परखने के लिए लगातार बैठकें भी की जा रही हैं। इसके साथ ही कोरोना के संभावित प्रसार से निपटने के लिए भी दिशा-निर्देशों को सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से निपटने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए माता वैष्णो देवी मंदिर में कई उपाय किए जा रहे हैं। पिछले साल एक जनवरी को मंदिर में पहली बार मची भगदड़ में 12 तीर्थयात्रियों की जान चली गई और 16 घायल हो गए थे।

इस घटना ने 13 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर भीड़ नियंत्रण व तीर्थयात्रियों की ट्रैकिंग के लिए श्राइन बोर्ड को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआई) शुरू करने के लिए प्रेरित किया। श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि नए साल के आसपास भक्तों की भारी भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए मंदिर तैयार है।

श्रद्धालुओं के अपेक्षित प्रवाह के सुचारू नियमन, पूरे ट्रैक, विशेष रूप से भवन क्षेत्र में 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की तैयारी है। तीर्थयात्रियों की भीड़ से बचने के लिए बोर्ड की प्रवर्तन टीमों को 30 दिसंबर से 2 जनवरी तक चार दिनों के लिए भवन में तैनात किया जा रहा है।

यह टीमें सुनिश्चित करेंगी कि जिनके पास वैध ठहरने की पर्ची है उनको छोड़ कर अन्य श्रद्धालु दर्शन करने के तुरंत बाद आधार शिविर कटड़ा लौट आएं।  50,000 तीर्थयात्रियों की दैनिक सीमा से अधिक बढ़ने पर तीर्थयात्रियों को समायोजित करने के लिए श्राइन बोर्ड ने कटड़ा, अर्धकुंवारी, सांझीछत और मनोकामना क्षेत्र में से एक में चार होल्डिंग क्षेत्रों की पहचान की गई है।

इससे पहले श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने बताया था कि आरएफआईडी आधारित यात्रा पंजीकरण कार्ड न केवल सुरक्षा बढ़ाने के लिए शुरू किए गए हैं, बल्कि तीर्थयात्रियों के बेहतर नियमन के लिए भवन के रास्ते में ट्रैक पर तीर्थयात्रियों की वास्तविक समय पर निगरानी सुनिश्चित होगी। किसी भी तीर्थयात्री को वैध आरएफआईडी कार्ड के बिना आग बढ़ने की अनुमति नहीं होगी। 

मास्क अनिवार्य

कोरोना के के बारे में अधिकारी ने कहा कि सभी हितधारकों को यात्रियों से निपटने के दौरान मास्क पहनने की सलाह दी गई है। श्राइन बोर्ड ने अटका आरती और दर्शन कतार में शामिल होने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।



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