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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : istock
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जम्मू-कश्मीर में 2021-2022 के दौरान पीएमईजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना) के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए 21,640 इकाइयां स्थापित की गई हैं। इसके तहत सबसे अधिक 1.73 लाख रोजगार का सृजन किया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि इन इकाइयों की स्थापना 100 करोड़ से की गई है। 2101 करोड़ और कुल मार्जिन मनी 467 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है जो अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक है। विशेष रूप से एमएसएमई के केंद्रीय मंत्रालय ने योजना के सफल उद्यमियों के नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और पुरस्कार देने के लिए पीएमईजीपी पुरस्कार वितरण की पहल शुरू की है। इस संबंध में सफल उद्यमियों से ऑनलाइन नामांकन आमंत्रित किए गए हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीएमईजीपी इकाइयों की रिकॉर्ड संख्या इस बात का भी प्रमाण है कि कैसे अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोग स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और राज्य के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकारी योजनाओं में भाग ले रहे हैं। बता दें, 2021-22 में जम्मू-कश्मीर में पीएमईजीपी की अधिकांश इकाइयां बारामुला, बडगाम, पुलवामा, अनंतनाग, गांदरबल, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और डोडा जैसे जिलों में स्थापित की गई हैं, जो बड़े पैमाने पर आतंकवाद से ग्रस्त हैं।
जम्मू-कश्मीर में 21,640 पीएमईजीपी इकाइयों में से कम से कम 16,807 इकाइयां 78 सेवा क्षेत्र से संबंधित हैं। इनमें ब्यूटी पार्लर, बुटीक, कढ़ाई, मोबाइल, कंप्यूटर मरम्मत की दुकानें, फूड आउटलेट आदि इकाइयां शामिल हैं। इसके बाद 1933 इकाइयां ग्रामीण इंजीनियरिंग और जैव प्रौद्योगिकी जैसे इस्पात निर्माण और इस्पात फर्नीचर, कृत्रिम आभूषण बनाने, वर्मी खाद और जैव उर्वरक की हैं।
नरदीप और मो. शफी बनें सफल उद्यमी
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना ने नरदीप सिंह को एक सफल उद्यमी बनने में मदद की। अपनी सफलता के बारे में नरदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने नौकरी के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन असफल रहे। इसके बाद उन्होंने जम्मू और कश्मीर खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड उधमपुर से संपर्क किया। जहां उन्हें पीएमईजीपी योजना के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद उन्होंने हाइड्रोलिक उपकरण इकाई विनिर्माण के लिए 24.96 लाख रुपये की ऋण सहायता के लिए आवेदन किया। आज वह अपने मोहल्ले के 25 युवाओं को रोजगार दे रहे हैं।
इसी तरह बीरवाह बडगाम में मॉडर्न स्टील एंड ट्रंक फैक्ट्री के मालिक 44 वर्षीय मोहम्मद शफी मीर ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह 15 लोगों को रोजगार देंगे। उन्होंने कहा कि वह 3000 रुपये प्रति माह वेतन पर स्टील फैक्ट्री में मजदूर थे। जम्मू-कश्मीर खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के तहत विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी मिलने के बाद जिला अधिकारी बडगाम से संपर्क किया। मीर ने कहा, जिला अधिकारी ने बिना किसी बाधा के उनके आवेदन पर विचार किया। उनका मामला डीएलटीएफ सी को भेज दिया और आखिर 25 लाख रुपये का ऋण मंजूर हुआ। उन्होंने कहा कि अब उनकी कमाई 3000 रुपये से बढ़कर 25,000 रुपये प्रति माह हो गई और अब वह एक सफल और संतुष्ट उद्यमी हैं।
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