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Ayurveda Hospital Jammu
– फोटो : इंटरनेट
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अगर महिलाएं बांझपन, सहज गर्भपात, बार-बार हो रहे गर्भपात, ट्यूब ब्लॉकेज आदि समस्याओं से परेशान हैं तो मायूस न हों। आप आयुर्वेदिक अस्पताल जम्मू के धनवंतरी इंटिग्रेटेड ब्लॉक में आकर आधुनिक आयुर्वेद उत्तर बस्ती चिकित्सा का लाभ पा सकती हैं। अस्पताल में शुरू की गई इस चिकित्सा पद्धति के बेहतर परिणाम आ रहे हैं।
इस चिकित्सा के लिए महिलाएं दिल्ली जैसे बड़े शहरों में लाखों रुपये उपचार पर खर्च करती हैं। लेकिन अब उन्हें आयुर्वेद अस्पताल में ही यह सुविधा निशुल्क मिल रही है। आयुर्वेद अस्पताल में शुरू की गई उत्तर बस्ती चिकित्सा में महिला मरीज को सात दिन की प्रक्रिया में विभिन्न उपचार दिए जा रहे हैं।
अस्पताल में कार्यरत स्त्री प्रसूता विशेषज्ञ डॉ. अरुण गुप्ता ने बताया कि अभी दैनिक आधार पर 4 से 5 मरीज आ रही हैं। इस चिकित्सा पद्धति के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। इनमें 1 से 2 ऐसी महिलाएं, जो बांझपन का शिकार थीं, उनका उपचार किया गया है। इस प्रक्रिया में गर्भाशय में औषधीय तेल और घी डाला जाता है। यह मूत्र संबंधी विकारों के लिए भी एक महत्वपूर्ण पंचकर्म प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में लगभग 15 से 20 मिनट का समय लगता है। लेकिन कई मामलों में मरीज को भर्ती भी किया जा रहा है। यह महिलाओं में मासिक धर्म की समस्याओं का भी निदान करता है।
इसका उपयोग प्राथमिक और माध्यमिक बांझपन में किया जाता है। पूरी प्रक्रिया के दौरान हल्के (तरल या अर्द्ध तरल) आहार की सलाह दी जाती है। यह औषधीय तेल और घी मूल लाभ में प्रजनन अंगों को पोषण देता है। महिलाओं के जननांग संबंधी रोग ठीक होते हैं। प्रदेश में आयुर्वेद अस्पताल जम्मू में ही मरीजों को यह सुविधा दी जा रही है।
तनाव है तो शीरोधार से दूर भगाएं
आयुर्वेद अस्पताल जम्मू में पंचकर्मा और नेचुरोपैथी विभाग में आधुनिक उपकरण लाए गए हैं। प्रदेश के किसी आयुर्वेद अस्पताल में ये अपनी तरह से पहले उपकरण हैं। इसमें शीरोधार से लोगों का तनाव दूर किया जा रहा है। इसी तरह नाड़ी स्वेदन में दर्द से राहत, पेटी स्वेदन में शरीर की लकवा थैरेपी, एक साल से कम आयु के बच्चों के लिए फोटो थैरेपी, कमर दर्द और बवासीर से राहत को हिप बाथ, टांगों के दर्द के लिए फुटबाथ उपकरण लगाए गए हैं।
अस्पताल में प्रसव की तैयारी
आयुर्वेद अस्पताल जम्मू में निकट भविष्य में प्रसव करवाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए लेबर रूम में तीन टेबल स्थापित किए गए हैं। मौजूदा अस्पताल में प्रसव के मामले नहीं हो रहे हैं। प्रसव के मामलों में महिलाओं को पोस्ट चिकित्सा के लिए इंडोर वार्ड में भर्ती किया जाएगा। अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना डोगरा का कहना है कि मरीजों की सुविधाओं के लिए आयुर्वेद चिकित्सा सेवाओं का विस्तार किया गया है।
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