जिंदगी की जंग जीत गया मासूम: शरीर के अंगों ने बंद कर दिया था काम करना, छोटे भाई की हो गई थी मौत, जानें मामला

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सर गंगा राम अस्पताल

सर गंगा राम अस्पताल
– फोटो : फाइल फोटो

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रत्ती (ऐब्रस प्रिकैटोरियस) का बीज खाने के बाद सात साल का बच्चा चार दिन तक जिंदगी और मौत से जूझता रहा। इस दौरान उसके शरीर के कई अंगों ने काम करना भी बंद कर दिया था, लेकिन डॉक्टरों की निगरानी व उपचार के बाद वह अब पूरी तरह से ठीक है। करीब एक माह बाद उसके शरीर में किसी भी प्रकार का विषैला कण नहीं है।

मध्यप्रदेश के भिंड में रहने वाले दो भाई ने 31 अक्टूबर को इमली की तरह दिखने वाला पौधे रत्ती का बीच खा लिया था। यह सांप की जहर की तरह काफी विषैला होता है। इसे खाने के कुछ देर बाद ही मौत हो सकती है। बीज खाने के बाद सात साल के बच्चे की हालत खराब हो गई, जबकि उसके पांच साल के भाई ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद सात साल के बच्चे को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल लाया गया।

 

इस बारे में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी में आने के समय बच्चे में खूनी दस्त, दिमाग में सूजन समेत जहर के कई लक्षण देखने को मिले। जांच में पता चला कि बच्चे ने रत्ती का बीच खा लिया था। यह काफी घातक होता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में दो घंटे के अंदर पेट की पूरी सफाई करनी होती है। 

 

डॉक्टरों ने बच्चे को बचाने के लिए टीम बनाई और चार दिनों तक उसका उपचार चला। चौथे दिन वह ठीक हो गया और उसे छुट्टी दे दी गई। वहीं मंगलवार को करीब एक माह बाद उसकी जब फिर से जांच की गई तो वह पूरी तरह से ठीक पाया गया।

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रत्ती (ऐब्रस प्रिकैटोरियस) का बीज खाने के बाद सात साल का बच्चा चार दिन तक जिंदगी और मौत से जूझता रहा। इस दौरान उसके शरीर के कई अंगों ने काम करना भी बंद कर दिया था, लेकिन डॉक्टरों की निगरानी व उपचार के बाद वह अब पूरी तरह से ठीक है। करीब एक माह बाद उसके शरीर में किसी भी प्रकार का विषैला कण नहीं है।


मध्यप्रदेश के भिंड में रहने वाले दो भाई ने 31 अक्टूबर को इमली की तरह दिखने वाला पौधे रत्ती का बीच खा लिया था। यह सांप की जहर की तरह काफी विषैला होता है। इसे खाने के कुछ देर बाद ही मौत हो सकती है। बीज खाने के बाद सात साल के बच्चे की हालत खराब हो गई, जबकि उसके पांच साल के भाई ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद सात साल के बच्चे को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल लाया गया।

 


इस बारे में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी में आने के समय बच्चे में खूनी दस्त, दिमाग में सूजन समेत जहर के कई लक्षण देखने को मिले। जांच में पता चला कि बच्चे ने रत्ती का बीच खा लिया था। यह काफी घातक होता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में दो घंटे के अंदर पेट की पूरी सफाई करनी होती है। 

 

डॉक्टरों ने बच्चे को बचाने के लिए टीम बनाई और चार दिनों तक उसका उपचार चला। चौथे दिन वह ठीक हो गया और उसे छुट्टी दे दी गई। वहीं मंगलवार को करीब एक माह बाद उसकी जब फिर से जांच की गई तो वह पूरी तरह से ठीक पाया गया।



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