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मैं डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ भी बना। इस दौरान दिल्ली में सेवारत थे, तब अचानक एक दिन वह पंडित दोबारा मिलने आए। इस बार उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि दो से तीन माह में कोई बड़ा सम्मान मिलेगा जो कि परम विशिष्ट सेवा मेडल के तौर पर मिला। साथ ही उन्होंने राज्यपाल बनने की भविष्यवाणी भी की थी।
उन्होंने कहा कि देश का ज्योतिष शास्त्र ब्रह्मांड को समझने का रोडमैप है। यह गीता के समान है। इसमें भौतिक, अभौतिक, दृश्य, अदृश्य, ज्ञात, अज्ञात जैसे तत्व समाए हुए हैं। हमें विद्या, कला और ज्ञान को तकनीकी के साथ मिलाकर आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। कहा कि जो ब्रह्मांड के बाहर है, वही आपके भीतर है। उन्होंने कहा कि भारत का ब्रह्मांड से गहरा रिश्ता है।
ज्योतिष अंधविश्वास नहीं है, इसका विज्ञान से गहरा नाता है। कहा कि ज्योतिष शास्त्र ऐसा नेत्र है जो कि भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों काल में देख सकता है। उन्होंने ज्योतिष विधा को तकनीकी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मेटा वर्ल्ड से जोड़ने का आह्वान किया। कहा कि आधुनिक विज्ञान के साथ हमें इंडियन नॉलेज सिस्टम को भी समझना होगा।
इससे पहले आचार्य इंदु प्रकाश ने कहा कि अगर साइंस तरक्की कर रहा है तो एनसिएंट साइंस भी तरक्की कर रहा है। आचार्य सतीश शर्मा ने कहा कि ज्योतिष की पहली क्रांति का सूत्रपात देवभूमि से ही हुआ था। आचार्य संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी सारी गणना लिख दी जाती है। आचार्य आनंद ने कहा कि ज्योतिष समय से प्रारंभ होता है और समय से परे कुछ भी नहीं है। कार्यक्रम में भारी संख्या में ज्योतिषी और लोग मौजूद रहे।
हम खुद सवाल पूछेंगे तो बढ़ेगा ज्ञान
राज्यपाल ले. जन. गुरमीत सिंह (सेनि.) ने कहा कि सवाल पूछने से बुद्धि का विकास होता है। उन्होंने कहा कि हमें सवाल पूछना चाहिए ताकि देश में ज्ञान-विज्ञान और बढ़े। उन्होंने यह सवाल उठाए…
– विद्युत उत्पादन की विधि सबसे पहले महर्षि अगस्त्य ने बताई थी या थॉमस एडिसन ने।
– परमाणु सिद्धांत ऋषि कणाद ने दिया था या जॉन डाल्टन।
– राइट बंधुओं ने विमान का आविष्कार किया था या ऋषि भारद्वाज ने।
– गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन ने दिया था या भास्कराचार्य ने।
– सर्जरी सबसे पहले महर्षि सुश्रुत ने की थी या किसी और ने।
– देश ही नहीं दुनिया को शून्य, दशमलव प्रणाली, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, सप्तऋषि स्पेक्ट्रम किसने दिया।
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