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एडीजीपी कश्मीर ने आगे बताया कि दूसरा आतंकी उमर नजीर है, जो अनंतनाग का रहने वाला था। आतंकी उमर नेपाली नागरिक तिल बहादुर थापा की हत्या में शामिल था। आतंकियों के पास से इनके पास से एक एके 47 रायफल और दो पिस्टल बरामद हुई है। वहीं, तीसरे आतंकी की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
15 अक्तूबर को जिला शोपियां के चौधरी गुंड इलाके में आतंकियों ने टारगेट किलिंग को अंजाम दिया था। दहशतगर्दों ने कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट को उस समय गोली मार कर लहूलुहान कर दिया, जब वह अपने बाग की ओर जा रहे थे। हमले को अंजाम देकर आतंकी फरार हो गए थे। वहीं, घायल पूरण भट को तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया।
पूरण कृष्ण भट शोपियां के चौधरी गुंड इलाके के स्थायी निवासी थे। 1989 के दौरान बिगड़े हालातों के बीच भी उन्होंने घाटी से पलायन नहीं किया था। 2020 में कोविड फैलने के बाद पत्नी और बच्चों के साथ जम्मू आ गए थे। इसके बाद शोपियां आना-जाना लगा रहता था। आतंकी गोली का शिकार हुए पूरण कृष्ण का अंतिम संस्कार जम्मू के बनतालाब में हुआ। मौत से तीन दिन पहले ही वह जम्मू से शोपियां अपने सेब के बगीचे की देखरेख के लिए गए थे। उनकी अंतिम विदाई में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
घाटी में एक और लक्षित हत्या के बाद कश्मीर और जम्मू में जगह-जगह रोष प्रदर्शन देखने को मिले। उधर, घाटी में कार्यरत कश्मीरी पंडित कर्मचारी एवं आरक्षित वर्ग के कर्मचारी लक्षित हत्याओं के चलते जम्मू में जुलाई महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों सरकार से घाटी से बाहर जम्मू में ट्रांसफर किए जाने की मांग कर रहे हैं।
26 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया कि कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण की हत्या में शामिल आरोपी की पहचान कर ली गई है। आरोपी 12 नवंबर से लापता बताया गया था। एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने इसे लेकर कहा था कि मामले की जांच के दौरान पता चला कि चेक काचीडूरा का मोहम्मद लतीफ लोन हत्या में शामिल है। आज आतंकी लतीफ और दो अन्य आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है।
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