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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : istock
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कानपुर में 24 घंटे में हार्ट अटैक से 21 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही ब्रेन अटैक से पांच लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट और हैलट इमरजेंसी में आए रोगियों का है। ये मौतें सोमवार से लेकर मंगलवार शाम चार बजे के बीच हुई हैं। कड़कड़ाते जाड़े और प्रदूषण के कारण और भी मौतें हुई हैं।
कुछ लोगों की मौत निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान हुई और कुछ लोग घर में ही मर गए, उनके अस्पताल पहुंचने की नौबत ही नहीं आ पाई। ज्यादातर रोगियों की मौत ब्लड प्रेशर बढ़ जाने के कारण हुई। इसके अलावा कार्डियोलॉजी और हैलट इमरजेंसी में गंभीर रोगियों को भर्ती किया गया। बहुत से रोगियों को अचानक बेहोशी आ गई और गिर गए। कुछ रोगियों की सांस फूलने की दिक्कत बढ़ गई जिसकी वजह से हालत बिगड़ी।
कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के कंट्रोल रूम की सूचना के मुताबिक मंगलवार सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक इंस्टीट्यूट की इमरजेंसी में पांच हृदय रोगी मृत हालत में आए। अस्पताल पहुंचने के पहले ही इनकी मौत हो गई। इन्हें जैसे ही कार्डियोलॉजी इमरजेंसी लाया गया, इनकी ईसीजी जांच हुई और रिपोर्ट फ्लैट आई। रोगियों की मौत पहले ही हो चुकी थी। इसके अलावा ठंड लगने के कारण गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुए पांच रोगियों की मौत हो गई। कुल 10 रोगियों की मौत हुई है। इसके अलावा 118 रोगियों को गंभीर हालत में इमरजेंसी में देखा गया। ओपीडी मिलाकर कुल 727 रोगी देखे गए। सोमवार को यहां 11 रोगियों की मौत हुई थी। 24 घंटे में 21 हृदय रोगियों की मौत हुई है। कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा ने बताया कि हाइपरटेंशन और हृदय के रोगी ठंड से बचाव करें।
ब्रेन अटैक से सोमवार को दो रोगियों की मौत हुई थी और मंगलवार को तीन की और मौत हो गई। 24 घंटे में पांच रोगी मरे हैं। अस्पताल पहुंचने के पहले ही इन रोगियों की सांसें थम गईं। इसी तरह ब्रेन अटैक से तीन रोगियों की मौत हो गई। 15 रोगियों को न्यूरो साइंसेस में भर्ती किया गया है। मंगलवार को बर्रा के गिरधरलाल (54), चकेरी के दिनकर (48) और जाजमऊ के निजाम (65) को एंबुलेंस में हैलट लाया गया। लेकिन रोगियों की रास्ते में ही मौत हो गई। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरो साइंसेस विभाग प्रमुख डॉ. मनीष सिंह का कहना है कि ब्रेन अटैक के रोगियों की संख्या आम दिनों से तीन गुना अधिक हो गई है। ज्यादातर को ब्लडप्रेशर हाई होने के बाद अटैक पड़ा था।
इन बातों का रखें ध्यान
– ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें, दवा की खुराक दुरुस्त कराएं
– लंबे समय तक गैस बन रही है तो डॉक्टर को दिखा लें
– छाती के दाएं तरफ भारीपन है तो एक बार डॉक्टर से जांच करा लें
– रात को खाना खाने के बाद तुरंत न सोएं
– रात को सादा, पौष्टिक और हल्का खाना लें
– गर्म कमरे से अचानक ठंड में न आएं
– पुराने रोगी धूप होने पर ही घर के बाहर निकलें
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